लेखक: शाह अब्दुल यमीन एजाज़ी
अपनी बच्चीयों के खातिर पूरा पढ़े ———– लम्बे समय तक मुसलमानों को हाथ मे तस्बीह , एक कंधे पर बंदूक और गले मे अरबी गमछा लपेटे बड़ी दाढ़ी और मुंडी मूछों के साथ लगातार दिखा कर आपकी आतंकी छवि सफलता के साथ रची गई।
हिंदी फिल्मों की पहली साजिश करीब करीब पूरी हो चुकी है ।अब निशाने पर हैं आपकी बेटीयाँ । जी हाँ पिछले कुछ दिनों में एक नया ट्रेंड देखने मे आ रहा है जिसमे मुस्लिम लड़की गैर मुस्लिम लड़के से सच्चा प्यार करती है दोनों एक दूसरे के लिए जान देने,लेने को तैयार हैं वगैराह। वीर ज़ारा , एक था *टाइगर से होता ये सिलसिला इश्कजादे में अपने उरूज़ पर पहुंचाया गया हाल ही मैं खुदा हाफिज , गुलाबो सिताबो और कई अन्य फिल्मो में यही देखने मे आ रहा है। मेरी चिंता इस साजिश को ले कर है की मुस्लिमो की छवि कैसे आतंकवादी की बनाई गई।
क्या अगला निशाने पर हमारी बेटियाँ हैं?
क्या आपको नही लगता की उनके दिमाग मे बैठाया जा रहा है कि ये आम बात है अगर उन्हें मॉडर्न होना, या दिखना है तो तो गैर मुस्लिम से इश्क़ करने में बुराई नही? क्या ये आपके परिवार में विवाद पैदा करने की साजिश नही ? याद रखिये जब पहली दफा मुसलमान को आतंकी दिखाया गया तब आपने नही सोंच था कि इस साजिश से पूरा समाज की आतंकवादी इमेज गढ़ दी जाएगी । इसलिए इसका हल आपको अभी ढूंढना है । हल क्या है ये आप भी सोंचे पहले इस साजिश को तस्लीम करें। अपने बच्चों को सही ,गलत की तालीम देना हमारा काम है । उन्हें अपने पास बैठाकर उनसे बात करें इस तरह के खतरे से आगाह करें , इस साजिश को बेनकाब करें। उन्हें दुनिया के साथ दीन की ,समाज की तालीम दें । इसे हल्के में लेने की जुर्रत न करें वरना पता भी नही लगेगा और हमारे घरों में सेंध लग चुकी होगी।उन्हें बताएँ छोटे कपड़े, शराब खोरी , नशाखोरी से इंसान मॉडर्न नही बनता मॉडर्न बनता है अपनी सामाजिक वेल्यु से अपने इल्म से। जो मैंने महसूस किया आपको सावधान किया अब आप की बारी है । इस मैसेज को समाज के हर मोबाइल में पहुंचाने का काम करें और इस समस्या का समाधान अपने स्तर पर करें।बात लम्बी हो जाएगी तो आप पढ़ेंगे नही इसलिए शार्ट में बताने की कोशिश की है।