गोरखपुर। ईद करीब है। नौज़वानों में इस वक्त सर पर बांधे जाने वाले अमामा शरीफ का जबरदस्त क्रेज है। ईद के रोज सफेद, हरा, गुलाबी, काला, पीला आदि रंगों का अमामा नमाज़ियों के सरों पर ताज की तरह सजा नज़र आएगा। अमामा को साफा के नाम से भी जाना जाता है। दुपट्टा गली रेती चौक व उर्दू बाज़ार में अमामा का कपड़ा बिक रहा है। अमामा का कपड़ा कॉटन का होता है। यह मीटर के हिसाब से बिक रहा है। अमामा में करीब 4 मीटर कपड़ा लगता है। इस वक्त 30, 50, 65 रुपए मीटर में अमामा का कपड़ा बिक रहा है।
गौसिया मस्जिद छोटे काजीपुर के इमाम मौलाना मोहम्मद अहमद निजामी ने बताया कि अमामा शरीफ पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की प्यारी सुन्नत है। आप हमेशा सिर पर अपनी मुबारक टोपी पर अमामा शरीफ़ को सजाकर रखा करते थे। पैग़ंबर-ए-आज़म ने अमामा की तरफ इशारा करके फरमाया फरिश्तों के ताज ऐसे ही होते हैं। टोपी पर अमामा हमारे और मुश्रिकीन में फ़र्क है। अमामा के साथ नमाज़ दस हजार नेकियों के बराबर है। अमामा के साथ दो रकात बगैर अमामा की सत्तर रकातों से अफ़ज़ल है।