मानक का पालन करने वाली मस्जिदों से न उतारा जाए लाउडस्पीकर: नायब क़ाज़ी
शहर (गोरखपुर) के नायब क़ाज़ी मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी ने कहा कि रमज़ान शरीफ़ का पवित्र माह चल रहा है। मस्जिदों पर मानक के अनुसार लाउडस्पीकर का इस्तेमाल हो रहा है। मानक का पालन करने वाली मस्जिदों से लाउडस्पीकर न उतारा जाए। प्रशासन द्वारा मस्जिदों पर लाउडस्पीकर की अनुमति के लिए उचित व्यवस्था की जाए। जिन मस्जिद कमेटियों ने लाउडस्पीकर की अनुमति पहले से ले रखी है उनके नवीनीकरण की व्यवस्था की जाए। लाउडस्पीकर अनुमति प्रोफार्मा देने व जमा करने के लिए अलग काउंटर बन जाए तो बेहतर है साथ ही मस्जिद कमेटियों को अनुमति के लिए समय दिया जाए।
मुसलमान जितना अपने मजहब के लिए वफादार है उतना ही अपने मुल्क के लिए: मुफ्ती अख़्तर हुसैन मन्नानी (मुफ्ती-ए-गोरखपुर)
अज़ान एक शरई और मजहबी ऐलान है। जो इस बात की ख़बर देने के लिए होता है कि इबादत यानी फ़र्ज़ नमाज़ की अदायगी का वक्त हो गया है। ये शरई तरीक़ा ज़माने रिसालत से चला आ रहा है। धार्मिक स्थलों पर सालों से चल रहे लाउडस्पीकरों को लेकर इंतेजामियां कमेटी व समाज के अन्य लोग जागरुक हैं। कुछ वर्ष पूर्व मस्जिद कमेटियों ने इस बाबत प्रशासन से अनुमति ले रखी है। जनपद में मौजूद अधिकतर धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर सालों से प्रयोग किए जा रहे हैं। जब ध्वनि प्रदूषण को लेकर हाईकोर्ट के सख्त निर्देशों के बाद धार्मिक स्थलों पर बिना इजाजत चल रहे लाउड स्पीकरों को लेकर सरकार गंभीर हुई है तो धार्मिक स्थलों के इंतेजामियां ने भी अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर की अनुमति लेने के लिए तत्परता दिखाई। मुसलमान जितना अपने मजहब के लिए वफादार है उतना ही अपने मुल्क के लिए भी वफादार है। मुसलमान मुल्क की भलाई को अपनी भलाई और मुल्क के नुकसान को अपना नुकसान ख्याल करता है।
लाउडस्पीकर पर अजान देने का कार्य नियम अनुसार हो रहा है: मौलाना जहांगीर अहमद अज़ीज़ी
इमाम, सुब्हानिया जामा मस्जिद तकिया कवलदह
ध्वनि प्रदूषण विनियमन और नियंत्रण नियम 2000 यथा संशोधित के नियम 5 के प्राविधानों के अंतर्गत लाउडस्पीकर पर अजान देने का कार्य नियम अनुसार हो रहा है।
हमारे यहां के मस्जिदों के कार्यकर्ता इसका अच्छी तरीके से पालन कर और करा रहे हैं क्योंकि यह अजान 2 से 3 मिनट के भीतर होती है इस वजह से किसी को किसी तरह की कोई दिक्कत भी नहीं है।