गोरखपुर। छोटे काजीपुर में स्पेशल टोपियों की दुकान चलाने वाले मौलाना मोहम्मद अहमद के यहां हक्कानी, ओवैसी, बरकाती, रामपुरी, बांग्लादेशी सहित तमाम तरह की रंगबिरंगी टोपियां बिक रही हैं। जिन्हें उन्होंने मेरठ, वाराणसी, रामपुर व मुबंई से मंगवाया है। उनके यहां तीस से लेकर पांच सौ रुपया तक की टोपी बिक रही हैं। उन्होंने बताया कि रसूल-ए-पाक हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हमेशा सिर पर अपनी मुबारक टोपी पर अमामा मुबारक को सजाकर रखा करते थे। रसूल-ए-पाक ने इमामा की तरफ इशारा करके फरमाया फरिश्तों के ताज ऐसे ही होते है। टोपी पर अमामा हमारा और मुश्किरीन का फर्क है। फैशन के इस दौर में टोपियां भी पीछे नहीं है। बाज़ार में एक से एक बेहतर रंगबिरंगी व तरह-तरह की टोपियों मौजूद हैं। जो आकर्षित कर रही हैं। सबसे सस्ती टोपी बर्फी पांच रुपया में बिक रही है। नखास के मो. अख्तर आलम ने बताया कि हर माह की तुलना में इस माह टोपियों की बिक्री बढ़ जाती है। बाजार में इण्डोनेशियाई, जरवी, फाम, मोती वाली, बांग्लादेशी, चाइना, बर्फी, चिमकी, मखमल, चिकन, लम्बी बरकाती, पचकली, कोरिया, बरकाती गोल, रामपुरी, चांद-तारा टोपी उपलब्ध है। यहां कलकत्ता, मुम्बई व रामपुर से टोपियां आती है। रमज़ान में जहां टोपियों का क्रेज काफी बढ़ जाता है। वही इबादत करने वालों के सिरों की रौनक यह टोपियां बनती हैं।ंंंंं
