अंतरराष्ट्रीय गोरखपुर

सऊदी अरब में तरावीह 10 रकअत करने से उलमा में नाराज़गी

गोरखपुर। मुफ्ती अख़्तर हुसैन मन्नानी (मुफ्ती-ए-गोरखपुर), मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी (नायब क़ाज़ी), मुफ्ती मेराज अहमद क़ादरी ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि सऊदी अरब में नाच-गाना सिनेमा, कैसीनो को इस तरह से अंज़ाम दिया जा रहा है कि इस्लामिक सल्तनत में सोचा ही नहीं जा सकता है। सऊदी अरब एक तथाकथित इस्लामिक सल्तनत बन कर रह गया है। अब उसने तरावीह की नमाज 20 रकअत को कम करके 10 रकअत करना शुरू कर दिया है। भारतीय उपमहाद्वीप सहित पूरी दुनिया में तरावीह की 20 रकअत नमाज़ पढ़ी जाती है। और सउदी अरब में भी अब तक 20 रकअतें पढ़ी गई हैं। अब ये सऊदी अरब की हुकूमत कह रही है कि 10 रकअत पढ़नी चाहिए। जिससे अब लोगों के बीच यह नया फ़ितना उठेगा और इस्लामी दुनिया में लोगों में मतभेद होगा कि मक्का मदीना में अगर तरावीह की 10 रकअत पढ़ी जाती हैं तो हमें भी 10 रकअत करनी चाहिए। इसलिए हम सऊदी अरब के शासकों से मांग करते हैं कि तरावीह की केवल 20 रकअत पढ़ी जानी चाहिए ताकि शरिया का पालन किया जा सके और शांति और व्यवस्था बनी रहे और लोगों का दिल न टूटे।

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