लेखक: बासित जमादार
हिन्दू मुस्लिम एक ऐसा शब्द है जिसे हम, जिस नज़रिये से देखेंगे वैसे ही लगेगा वो आप पर निर्भर करता है की आप इसे घृणा या प्यार के नजर से देखते है और हाँ इतना याद रखिये जहाँ ज्यादा प्यार होता है वही तकरार होती है ऐसा नहीं है की हिन्दू मुस्लिम के नाम पर लड़ाईया और दंगे ही होते है क्यूंकि ये ऐसे दो धर्म है जिनकी आपस में बहुत बनती है इसलिए इन दोनों में आग लगाने वालो की कमी नहीं है।
हमारे समाज में धर्म के आधार पर लोगो को सम्मान दिया जाता है हम सबने बचपन में ये श्लोक जरूर पड़ा होगा- हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब आपस में भाई भाई! ये याद तो हम सबको है पर इसे समझना कोई नहीं चाहता।
अगर आप भारत में किसी भी व्यक्ति से पूछ ले कि उनका दोस्त किस धर्म का है तो आधे से ज्यादा लोगो के दोस्त हिन्दू मुस्लिम ही होंगे मुस्लिम की अच्छी दोस्ती हिन्दू से जरूर होगी और हिन्दू का मुस्लिम दोस्त जरूर होगा तो अपनी एकता को इसी तरह बनाये रखे।
अगर आपके आस-पास कोई भड़काने वाली चीजें हो रही है तो उसे रोके जितना हो सके हिन्दू मुस्लिम की एकता को बनाये और बढ़ावा दे।