लेखक: जावेद शाह, खजराना
मेहमान जी हमारा होता है
वो जान से प्यारा होता है।
शैलेन्द्र की लिखी इन लाइन की कद्र करना शायद इंदौरी नेता भूल गए है जो सफाई का तमगा हासिल करने में सारे भारत में पांचवी बार लगातार अव्वल आए है।
लेकिन मेहमाननवाजी करने में पिछड़ों को भी पछाड़ दिया।
जो सदियों से नहीं हुआ वो कल दरगाह के अंदर हुआ जो शर्मनाक है। जिसकी मैं निंदा करता हूँ और मेहमान वारिस पठान साहब से माज़रत चाहता हूं।
हजरत नाहर शाह वली रह0 की दरगाह पर चादर चढ़ाने आए AIMIM पार्टी के पूर्व विधायक और प्रवक्ता जनाब वारिस पठान का कतिपय लोगों ने सस्ती वाहवाही लूटने की गरज में मुंह काला कर दिया।
वारिस पठान ओवैसी की पार्टी के प्रवक्ता है।
प्रवक्ता का काम ही बोलना होता है अगर बोलने में उनसे कोई चूक हो गई थी तो पुलिस ने उन पर कार्यवाही की है। पार्टी के सदर जनाब औवेसी साहब ने उनके बिना इजाजत लिए सार्वजनिक बयानों पर पाबंदी भी लगा रखी है। फिर कानून को हाथ में लेना कहाँ की समझदारी है?
मेहमान की इज्जत नहीं कर सकते तो कम से कम बेइज्जती करके खजराने को तो बदनाम मत करो।
जिसने भी हजरत नाहर शाह वली की चौखट पर उनके और हमारे मेहमान के साथ बदसलूकी की है नाहरशाह वली उनसे जरूर खफा होंगे क्योंकि ये खुश होने वाला अमल तो नहीं है।
ऐसे में माहौल भी गर्म हो सकता है।
असली नफरत तो मुंह काला करने वालों ने जाहिर की है जो हमारे ही इलाके के लोग है।
ये सिर्फ मेहमान का नहीं बल्कि सारे खजराने का मुंह काला हुआ है। लिखकर दुख प्रकट करना भी संवेदना में आता है इसलिए मैंने ये लिखा।
वारिस पठान AIMIM के प्रवक्ता हैं और हिन्दी पट्टी में पार्टी का जाना-माना चेहरा हैं । पिछले दिनों रैली में वारिस पठान बोले थे ‘हमने ईंट का जवाब पत्थर से देना सीख लिया है. मगर हमको इकट्ठा होकर चलना पड़ेगा. आजादी लेनी पड़ेगी और जो चीज मांगने से नहीं मिलती है, उसको छीन लिया जाता है।
उनका ये बयान मुस्लिम विरोधी नहीं था ना ही उन्होंने किसी धर्मविशेष के लोगों को टारगेट करके ये बयान दिया था। बल्कि उनका ये बयान राजनीतिक पार्टी को लेकर था जिसके लिए उन्होंने माफी नहीं मांगी।
खैर कुछ भी हो मेहमानों के साथ बदसलूकी क़ाबिले बर्दाश्त है। पुलिस महकमे से गुज़ारिश है कि वो दोषियों की शिनाख्त करके कठोर कार्यवाही करें ताकि कोई मेहमानों के साथ आइंदा बदसलूकी ना कर सके।