गोरखपुर

उर्स-ए-पाक: हिन्दू-मुसलमानों ने मिलकर पेश किए अकीदत के फूल

गोरखपुर। शुक्रवार को बिछिया रामलीला मैदान पीएसी कैम्प स्थित दरगाह पर बाबा हज़रत मुस्तफा अकबर शाह रहमतुल्लाह अलैह का उर्स-ए-पाक अदब व एहतराम के साथ मनाया गया।

सुबह हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक बाबा के मजार का गुस्ल हुआ। क़ुरआन ख़्वानी हुई। अकीदतमंदों ने पारंपरिक रूप से चादरपोशी की। फातिहा ख़्वानी व कुल शरीफ की रस्म अदा कर अमन चैन की दुआ मांगी।

इससे पहले देर रात जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी हुआ। जिसमें उलमा-ए-किराम ने अल्लाह, पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम, सहाबा किराम, अहले बैत व औलिया किराम की फज़ीलत व बड़ाई बयान की। नात व मनकबत का नज़राना पेश किया गया। खिताब करते हुए मौलाना मो. शरीफ़ निज़ामी व हाफ़िज़ मो. रईसुद्दीन ने कहा कि क़ुरआन-ए-पाक व पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बताई राह पर चलें। पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम, अहले बैत, सहाबा किराम व औलिया किराम की ज़िंदगी को अपना आदर्श बनाएं तभी कामयाबी मिलेगी। हज़रत सैयदना शैख़ अब्दुल क़ादिर जीलानी अलैहिर्रहमां ने क़ुरआन व सुन्नत की जिस तरह पैरवी की वह दुनिया के लिए मिसाल है।

अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। शीरीनी बांटी गई। उर्स में दरगाह के खादिम गुलाम अली, रज्जब अली, मो. मुस्लिम ‘राज’, अरमान अली, मो. जावेद, सलमान, अख्तर अली, सोमू, राजन, महबूब आलम, मुजीबुल्लाह, सेराज, आबिद अली, मनोज कुमार, अभिमन्यु मौर्या, बसंतलाल यादव, अहमद अली आदि अकीदतमंद मौजूद रहे।

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