भाजपा के महासचिव को अपनी जानकारी दुरुस्त करके मुस्लिम समाज से माफ़ी मांगना चाहिए: राकेश सिंह यादव
इन्दौर । भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दीपावली पर्व पर नफ़रत का मनगढ़ंत इतिहास अपने संदेश में बताया है। आरएसएस की पाठशाला में देश का इतिहास नहीं पढ़ाया जाता हैं इसलिए शायद विजयवर्गीय को भारत की सभ्यता और इतिहास की जानकारी नहीं हैं।
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव ने बताया कि इस्लाम को तलवार के माध्यम से भारत में प्रवेश का दावा करके झुठ और भ्रम फैलाकर विजयवर्गीय द्वारा नफ़रत के बीज बोने की कोशिश करने वाला बयान दिया हैं। इस ग़लत बयान के ज़रिये विजयवर्गीय प.बंगाल में भाजपा और स्यंम की राजनैतिक असफलता को छुपाने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं। प.बंगाल में करारी असफलता के बाद आत्ममंथन करना चाहिए न कि बौखलाना चाहिये। उन्हें सोचना चाहिये भाजपा में रहते हुए भी पिछले दस सालों से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें चुनाव में क्यों नहीं उतारा हैं?
इस्लाम के संदर्भ में इतिहास का तथ्यात्मक सत्य विजयवर्गीय को समझना चाहिए उसके बाद किसी तरह की टिप्पणी करना चाहिए। हमारे देश भारत में इस्लाम मुस्लिम बादशाहों के आक्रमणों से पहले ही दक्षिण एशिया में आ चुका था। इस्लामी प्रभाव को सबसे पहले अरब व्यापारियों के आगमन के साथ 7वीं शताब्दी के प्रारम्भ में महसूस किया जाने लगा था। प्राचीन काल से ही अरब और भारतीय उपमहाद्वीपों के बीच व्यापार संबंध अस्तित्व में रहा है। यहां तक कि पूर्व-इस्लामी युग में भी अरब व्यापारी मालाबार क्षेत्र में व्यापार करने आते थे, जो कि उन्हें दक्षिण पूर्व एशिया से जोड़ती थी। इतिहासकार इलियट और डाउसन की पुस्तक द हिस्टरी ऑफ इंडिया एज टोल्ड बाय इट्स ओन हिस्टोरियंस के अनुसार भारतीय तट पर 630 ईसवी में मुस्लिम यात्रियों वाले पहले जहाज को देखा गया था। पारा रौलिंसन अपनी किताब: एसियंट एंड मिडियावल हिस्टरी ऑफ इंडिया [44] में दावा करते हैं कि 7वें ई॰ के अंतिम भाग में प्रथम अरब मुसलमान भारतीय तट पर बसे थे। शेख़ जैनुद्दीन मखदूम “तुह्फत अल मुजाहिदीन” एक विश्वसनीय स्रोत है।[45] इस तथ्य को जे. स्तुर्रोक्क द्वारा साउथ कनारा एंड मद्रास डिस्ट्रिक्ट मैनुअल्स [46] में माना गया है और हरिदास भट्टाचार्य द्वारा कल्चरल हेरीटेज ऑफ इंडिया वोल्यूम IV. में भी इस तथ्य को प्रमाणित किया गया है। [47] इस्लाम के आगमन के साथ ही अरब वासी दुनिया में एक प्रमुख सांस्कृतिक शक्ति बन गए। अरब व्यापारी और ट्रेडर नए धर्म के वाहक बन गए और जहां भी गए उन्होंने इसका प्रचार किया। 52 के लगभग मुस्लिम पड़ोस. यह कथित तौर पर माना जाता है कि राम वर्मा कुलशेखर के आदेश पर भारत में प्रथम मस्जिद का निर्माण ई॰ 629 में हुआ था, जिन्हें मलिक बिन दीनार के द्वारा केरल के कोडुंगालूर में मुहम्मद (c. 571–632) के जीवन समय के दौरान भारत का पहला मुसलमान भी माना जाता हैं। अब यह स्पष्ट है की तलवार के दम पर इस्लाम भारत में नहीं आया हैं। भाजपा के महासचिव को अपनी जानकारी दुरुस्त करके मुस्लिम समाज से माफ़ी मांगना चाहिए।दीपावली के पर्व पर नफ़रत का ज़हर उगलना विजयवर्गीय जैसे वरिष्ठ नेता को शोभा नहीं देता हैं। यह भी स्पष्ट हैं कि भारत में प्रथम मस्जिद का निर्माण राम वर्मा कुल शेखर के आदेश से हुआ था। प.बंगाल में भाजपा की करारी हार को झुठी कहानी बनाकर इस्लाम के सहारे ढँकने की कोशिश न करें।