धार्मिक

दिवाली से पहले जान लें यह मसाइल, नहीं तो पछताना पड़ेगा

दिवाली की मुबारकबाद देना और दिवाली की मिठाई

मस्अला: होली दिवाली बद-मज़हबों के त्योहारों पर हिंदुओं को मुबारकबाद देना। सख़्त हराम, और कुफ़्र की तरफ़ ले जाने वाला काम है।

मस्अला:- अगर अपनी खुशी से मुबारकबाद दे या शरीक हो या उनके इस काम को अच्छा समझे। तो ऐसा करने वाला काफ़िर होगा। उस पर तोबा तज्दीद-ए-ईमान, तज्दीद-ए-निकाह ज़रूरी है।

मस्अला:- अगर मजबूरी में ऐसा करना पड़े, ना करने पर जान जाने का ख़तरा हो, या नौकरी वगैरह की वजह से ऐसा करना पड़ता है। फिर भी ऐसा करना सख़्त हराम है। बचना निहायत ज़रूरी है।

मस्अला:- मुसलमान को होली दिवाली के इश्तिहार, पोस्टर वगैरा छापना। यह सब भी हराम है। और उसका पैसा लेना भी हराम और गुनाह है।

मस्अला:- हिंदुओं के त्यौहार की मिठाई उनके त्यौहार के दिन लेना जाइज़ नहीं है। कि यह एक तरीके से उसमें शरीक होना माना जाएगा। किसी और दिन ले सकते हैं।

(📕 फ़तावा शारेह् बुखारी, जिल्द 2, पेज नंबर 565,566,597,598)

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