गोरखपुर

बिना अनापत्ति कम्बाइन हार्वेस्टर संचालन प्रतिबंधित(ग्रामीण)

डीएम विजय किरण आनंद ने एक सप्ताह में अनुमति लेने के दिए निर्देश

गोरखपुर।
धान की कटाई के पश्चात फसल अवशेष जलाए से हो रहे पर्यावरण प्रदूषण की रोकथाम के लिए जिलाधिकारी विजय किरण आनंद ने बिना फसल अवशेष प्रबंधन यंत्र के कम्बाइन संचालन प्रतिबंधित कर दिया है। बिना फसल अवशेष प्रबंधन के चलती मिली कम्बाइन को तत्काल प्रभाव से सीज कर दिया जाएगा। यही नहीं, 7 दिन के भीतर कम्बाइन मालिकों को कृषि विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के निर्देश दिए हैं।
कम्बाइन हार्वेस्टर स्वामियों को एक सप्ताह के अन्दर अपने तहसील के उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी कार्यालय या जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में उपस्थित होकर लिखित शपथ पत्र फोटोग्राफ के साथ देना होगा। शपथ पत्र में लिखा जाएगा कि उन्होंने कम्बाइन हार्वेस्टर में फसल अवशेष के लिए अपेक्षित अटैचमेंट लगवा लिया है। बिना अटैचमेंट के बगैर फसलों की कटाई नहीं करेंगे। इस आशय का कृषि विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा। शपथ पत्र प्रस्तुत नहीं करने वालों को माना जाएगा कि वे अपने कम्बाइन हार्वेस्टर का वर्तमान में उपयोग नहीं कर रहे है। ऐसी स्थिति में अपेक्षित अटैचमेंट के बगैर ही कम्बाइन हार्वेस्टर से फसलों की कटाई करते मिलने पर कम्बाइन हार्वेस्टर सीज कर एफआईआर दर्ज की जाएगी।
फसल अवशेष प्रबंधन के लिए इन यंत्रों का करें इस्तेमाल
कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम, स्ट्रारीपर, स्ट्रारेक, स्ट्रारेक अथवा मल्चर, सुपर सीडर, रिवर्सिबल एमबी प्लाऊ, बेलर का उपयोग किया जाएगा। कोई भी कम्बाइन हार्वेस्टर इन यंत्रों के बिना चलती मिली तो तत्काल सीज की कार्यवाही होगी। कम्बाइन स्वामी के व्यय पर ही सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम लगवाने के बाद छोड़ी जाएगी।
ब्लॉक एवं तहसील स्तर पर उड़न दस्ता गठित
फसल अवशेष जलाए जाने की वारदातों पर लगाम के लिए डीएम विजय किरण आनंद के निर्देश पर प्रत्येक विकास खण्ड एवं तहसील स्तर पर उड़न दस्ता गठित किया गया है। तहसील स्तरीय सचल दस्ता में तहसीलदार, उप सम्भागीय कृषि प्रसार अधिकारी, थानाध्यक्ष (सम्बंधित तहसील मुख्यालय) हैं। पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी एसडीएम को दी गई है। इसी तरह ब्लाक स्तरीय सचल दस्ता में नायब तहसीलदार,कानूनगो, सहायक विकास अधिकारी कृषि, थानाध्यक्ष शामिल हैं। पर्यवेक्षण खण्ड विकास अधिकारी करेंगे।
वाट्सअप बना होगी निगरानी
प्रत्येक तहसील एवं ब्लॉक के समस्त लेखपाल कृषि विभाग के क्षेत्रीय कार्मिक एवं ग्राम प्रधानो को सम्मिलित करते हुए वाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा। फसल अवशेष जलाए जाने की वारदात पर सम्बंधित लेखपाल एवं ग्राम प्रधान वाट्सएप ग्रुप एवं दूरभाष के माध्यम से उड़न दस्ते को तत्काल रूप से सूचना देंगे। वारदात की पुष्टी हेने पर राजस्व अनुभाग द्वारा क्षतिपूर्ति की वसूली के सम्बंध में कार्यवाही सुनश्चित की जाएगी। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि ग्राम पंचायतों में खुली बैठक में किसानों इस बाबत जागरूक भी किया जाए।
हेरिटेज फाउंडेशन कर रहा किसानों को जागरूक
वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में सक्रिय सस्था हेरिटेज फाउंडेशन जिला प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों की सराहना की है। संस्था के ट्रस्टी नरेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि मंगलवार को पिपराइच, कैम्पियरगंज और सहजनवा के एक दर्जन ग्राम पंचायतों में फसल अवशेष प्रबंधन के प्रति किसानों को जागरुक किया गया।

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