मुंबई

ईद मिलाद-उन-नबी के जुलूस की अगर सरकार ने नहीं दी अनुमति तो हर मोहल्ले की मस्जिदों से निकलेगा जुलूस

मुंबई: ईद मिलाद-उन-नबी के जुलूस को लेकर रज़ा एकेडमी की गुरुवार को  सुन्नी बिलाल मस्जिद, छोटा सोनापुर में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। जिसमे आल इंडिया सुन्नी जमीयत उलेमा के अध्यक्ष हजरत मौलाना मोईनउद्दीन अशरफ और रज़ा एकेडमी के प्रमुख अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी ने भी हिस्सा लिया। रज़ा एकेडमी की और से आयोजित इस बैठक में करीब 60 संगठनों के नेता भी शरीक हुए।

बैठक में ईद मिलाद-उन-नबी के जुलूस की अनुमति नहीं दिये जाने को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की गई। जिसमे कहा गया कि ने सरकार ने बाजार, शॉपिंग मॉल, बाजार और सार्वजनिक स्थान खोल दिए हैं। मस्जिद और मंदिर भी खोल दिए गए हैं। सरकार को जुलूस को निकालने की अनुमति देनी चाहिए। हम यह भी जानते हैं कि पूरी दुनिया आज कोरोना वायरस से चिंतित है लेकिन इससे बचने के उपाय भी किए जा रहे हैं। हालांकि, हम अभी भी सरकारी दिशानिर्देश का पूरा पालन करते हुए जुलूस निकालेंगे।

इस मौके पर अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी ने कहा कि जब महाराष्ट्र सरकार ने स्कूल और धार्मिक स्कूल खोले हैं ईद मिलाद-उन-नबी जुलूस निकालने की अनुमति और इसकी गाइडलाइन अभी तक जारी क्यों नहीं की गई। ऐसे में महाराष्ट्र की हर गली की मस्जिद से जुलूस निकाला जाएगा। एक मुसलमान अपने पैगंबर के नाम पर अपनी जान दे सकता है लेकिन वह अपने नबी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता। हम चाहते हैं कि ईद मिलाद-उन-नबी के जुलूस को जल्द से जल्द निकालने की अनुमति जारी करे। यदि हम अनुमति नहीं देते हैं, तो हम उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होंगे।

उन्होने कहा कि जुलूस निकालना हमारा संवेधानिक अधिकार है। हमारे नेताओं को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए और सरकार से संपर्क करना चाहिए क्योंकि हर मुसलमान चाहता है कि अन्य धार्मिक त्योहारों की तरह ही ईद मिलाद-उन-नबी के जुलूस की अनुमति दी जाए। हम अपने नेताओं से कहेंगे कि वह जल्द से जल्द सरकार से संपर्क करें और हमारी भावनाओं का विशेष ध्यान रखें और महाराष्ट्र सरकार से अनुमति लें। उन्होंने ये भी कहा कि मुसलमान अपने नबी के जन्मदिवस को हर साल बड़ी धूमधाम से मनाते हैं इसलिए महाराष्ट्र सरकार हमें अनुमति दें।

मौलाना अब्बास ने आगे कहा कि हमें हजरत मोइनुल मशाईख द्वारा दिए गए संदेश का पालन करना चाहिए। जिसमे जरूरतमंदों, बीमारों, गरीबों, अनाथों, बेसहारा लोगों की जरूरतों को पूरा करने पर ज़ोर दिया गया। उन्होने कहा कि 12 रबी-उल-अव्वल के अवसर पर ईद मिलाद-उन-नबी मनाने की तारीख सदियों से मौजूद है। ऐसे में जुलूस की गाइडलाइन में देरी समझ से परे है। ऐसे में रजा एकेडमी ने अन्य सुन्नी संगठनों के साथ अदालत जाने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए वकीलों के साथ चर्चा शुरू कर दी गई है।

अंत में, हजरत सैयद मोइन मियां उन्होंने उलेमा-ए-अहल-ए-सुन्नत को निर्देश दिया और कहा कि शीर्ष अधिकारियों और मंत्रियों के साथ बातचीत चल रही है।  मंत्री असलम शेख को एक बैठक में ईद मिलाद-उन-नबी के जुलूस को लेकर  मुस्लिमों की भावनाओं से अवगत करा दिया गया है। शेख ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि सरकार की ओर से आज शाम या कल तक गाइडलाइन जारी कर दी जाएगी।

इस दौरान मौलाना, शकील रजा मौलाना सैयद तुफैल मौलाना मुहम्मद आलम रशीदी मौलाना सूफी मुहम्मद उमर, कादरिया अशरफिया विश्वविद्यालय, मौलाना फय्याज बरकती, मौलाना वलीउल्लाह शरीफी, मौलाना इकबाल, मौलाना मोइनुद्दीन, मौलाना रजब अली फैजी, कारी अली हसन, मौलाना रजब अली फैजी, कारी अली हसन, आदि  उपस्थित रहे।

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