दीन-ए-इस्लाम को बदनाम करना चाहती है सऊदी अरब हुक़ूमत: उलेमा-ए-किराम
तंजीम उलेमा-ए-अहले सुन्नत की बैठक
गोरखपुर। सऊदी अरब की हुक़ूमत के मदीना शरीफ में सिनेमा हॉल खोलने पर गोरखपुर के उलेमा-ए-किराम ने ग़म व गुस्से का इज़हार किया है। इस बाबत रविवार को तंजीम उलेमा-ए-अहले सुन्नत ने नार्मल स्थित दरगाह में बैठक की। उलेमा-ए-किराम ने कहा है कि अगर जल्द सिनेमा हॉल खोलने के फैसले पर रोक न लगाई गई तो पूरी दुनिया के मुसलमान सऊदी अरब की हुक़ूमत के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।
सदारत करते हुए मुफ़्ती अख्तर हुसैन मन्नानी (मुफ़्ती-ए-शहर) ने कहा कि सऊदी हुकूमत सिनेमा हॉल खोलकर दीन-ए-इस्लाम को बदनाम करना चाहती है। उसे मक्का और मदीना शरीफ की पवित्रता भंग नहीं करने दी जाएगी। मक्का शरीफ में अल्लाह का घर है और मदीना शरीफ में पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम का रौजा है, जिनसे दुनिया भर के मुसलमानों की अकीदत जुड़ी है।
नायब काजी मुफ़्ती मोहम्मद अज़हर शम्सी ने कहा कि खादिमुल हरमैन (सऊदी बादशाह का पद) को चाहिए कि वह मक्का और मदीना शरीफ की अजमत, इज्जत और पवित्रता खत्म न होने दे। सऊदी अरब हुकूमत को आलिमे इस्लाम के ज़ज़्बात का ख्याल रखना चाहिए।
कारी अफज़ल बरकाती ने कहा कि क़ुरआन और हदीस ने मुस्लिम समाज को बुराइयों से बचने का फरमान जारी किया है। सिनेमा, गाना-बजाना और तमाशे जैसी बुरी चीजों को सऊदी हुकूमत खत्म करने के बजाय बढ़ावा दे रही है। सऊदी हुकूमत और उसके युवा शहजादे मोहम्मद बिन सलमान नाजायज कामों को बढ़ावा दे रहे हैं।
बैठक का आगाज़ क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत से हुआ। नात-ए-पाक पेश की गई। अंत में सलातो सलाम पढ़कर हिन्दुस्तान में अमनो अमान, तरक्की व भाईचारे की दुआ मांगी गई।
बैठक में मुफ़्ती मुनव्वर रज़ा रज़वी, मौलाना गुलाम दस्तगीर, कारी मोहम्मद मोहसिन रज़ा, मौलाना अनवर अहमद तनवीरी, कारी सरफुद्दीन क़ादरी, कारी शराफत हुसैन क़ादरी, हाफ़िज़ सद्दाम, हाफ़िज़ मोईनुद्दीन, कारी हसन रज़ा, मौलाना मोहम्मद अहमद, मौलाना रियाजुद्दीन क़ादरी, हाफ़िज़ महमूद रज़ा क़ादरी, हाफ़िज़ रहमत अली निज़ामी, मौलाना दानिश रज़ा अशरफ़ी, मौलाना अबुल कलाम, कारी अय्यूब,कारी मोहम्मद अनस रज़वी, कारी निज़ामुद्दीन सहित तमाम उलेमा-ए-किराम मौजूद रहे।