गोरखपुर! आज दिनांक 26 सितंबर 2021 को शास्त्री चौक पर ऑल इंडिया मजलिस-ए- इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के कार्यकर्ताओं ने असम के दरांग क्षेत्र में हुई पुलिस बर्बरता एवं एक पत्रकार द्वारा घायल इंसान के ऊपर दो बार कूदने तथा मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ़्तारी के विरोध में सभा की सभा की अध्यक्षता “एआईएमआईएम” के महानगर अध्यक्ष एडवोकेट शोएब ख़ान सिमनानी तथा संचालन मोहम्मद क़ैस अंसारी ने किया। सभा के बाद एडवोकेट शोएब खान सिमनानी के नेतृत्व में “एआईएमआईएम” के कार्यकर्ताओं ने हिंदू मुसलमानों के बीच बढ़ती “नफ़रत की दीवार” का पुतला फूंका, और असम सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए अध्यक्षीय संबोधन में शोएब खान सिमनानी एडवोकेट ने कहा कि आज भारत में चारों तरफ मुसलमानों पर जुल्म के पहाड़ तोड़े जा रहे हैं, असम में पुलिस द्वारा फायरिंग कर 2 मुसलमानों को अधमरा कर देना और यहां तक कि अधमरे शख़्स पर बेरहमी से पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में एक पत्रकार द्वारा बार-बार कूद-कूद कर मारने का “एमआईएम” महानगर गोरखपुर कड़ा विरोध और निंदा करती है यह कृत्य इस बात को दर्शाता है कि हिंदू और मुसलमानों के बीच किस क़दर नफ़रत की दीवार बना दी गई है मजलिस हर उस शख़्स के पक्ष में खड़ी है जिस पर ज़ुल्म हो रहा है और हर स्तर पर जाकर हिंदू और मुसलमान के बीच खड़ी “नफ़रत की दीवार” को गिराना चाहती है तथा किसी भी क़ीमत पर संप्रदायिक ताक़तों को कामयाब नहीं होने देगी। इसीलिए आज महानगर गोरखपुर के कार्यकर्ताओं द्वारा “नफ़रत की दीवार” (सांकेतिक) का पुतला फूंका गया। मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ़्तारी पर बोलते हुए सिमनानी ने कहा कि…………………..
“धार्मिक आज़ादी का हक़ संविधान देता है, भारत के सब लोगों को सम्मान देता है।
मंदिर जाओ मस्जिद जाओ या जाओ गुरुद्वारा, हर जगह जाने का हक़ हिंदुस्तान देता है।।“
“एमआईएम” के नेता मोहम्मद क़ैस अंसारी, अताफ़ हुसैन उर्फ़ आज़म भाई, मास्टर मोहम्मद वसीम (महानगर सचिव), मोहम्मद सारिम अंसारी (महानगर सचिव), रियाज ख़ान(कोलिया) महानगर सचिव, वजीउल्लाह अंसारी पूर्व जिला अध्यक्ष, शानू खान (महानगर मीडिया प्रभारी), ने अपने संबोधन में कहा कि हम लोग पार्टी की गाइडलाइन के मुताबिक़ मौलाना कलीम सिद्दीक़ी साहब की गिरफ़्तारी तथा असम में मुस्लिम प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा की गई फ़ायरिंग के विरोध में “नफ़रत की दीवार” का पुतला फूंक रहे हैं और प्रेस के माध्यम से समाज को बताना चाहते हैं की भारत के संविधान का अनुच्छेद 25 से लेकर 28 तक हमें धार्मिक स्वतंत्रता की आजादी देता है सोढ़ी के मुताबिक़ अनुच्छेद 25 में हर किसी को किसी भी धर्म का पालन करने और मानने का अधिकार है उसका प्रचार प्रसार और प्रवचन करने का भी अधिकार है। इसलिए AIMIM महानगर गोरखपुर मौलाना मोहम्मद कलीम सिद्दीक़ी साहब को बेगुनाह मानती है। तत्काल उनकी रिहाई की मांग करती तथा सरकार द्वारा उनकी गिरफ़तारी की निंदा करती एवं लोकतांत्रिक विरोध करती है। उपरोक्त संबंध में सभा करने के उपरांत “नफ़रत की दीवार” का पुतला फूंकने के बाद राष्ट्रपति महोदय को संबोधित द्वारा जिलाधिकारी एक ज्ञापन भी दिया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से मोहम्मद आबिद, तारिक अहमद, मोहम्मद अजहान,गजनफर,नदीम रियाज़,शादाब इत्यादि लोग शामिल थे।एडवोकेट शोएब खान सिमनानी
महानगर अध्यक्ष, गोरखपुर