आज, टोंक रियासत के अज़ीम पूर्व गृह मंत्री (Home minister) साहिबज़ादा मुहम्मद तौफ़ीक़ अली ख़ान साहब की यौम-ए-वफ़ात है। आज के दिन ही 12 जून 1970 को वो इस दुनिया से रुखसत हुए थे।

तौफीक अली खान साहब अपनी ईमानदारी, दूरंदेशी और इंसाफ़पसंदी के लिए जाने जाते थे। गृह मंत्री के तौर पर, उन्होंने टोंक में अमन-ओ-अमान क़ायम करने और अवाम की ज़िंदगी को बेहतर बनाने के लिए बेपनाह कोशिशें कीं। उनके इक़दामात ने रियासत की इंतेज़ामिया को मज़बूत किया और अवाम में इत्मीनान का एहसास पैदा किया। जब 1934 से 1944 के दौरान वो छाबड़ा के नाजिम थे उन्होंने वहां ऐसी ख़िदमात अंजाम दीं कि उनकी निजामनत में छाबड़ा सबसे ज्यादा इकॉनमी और एजुकेशन सिस्टम के साथ टोंक रियासत का सबसे बड़ा परगना बन गया। टोंक रियासत का हिंदुस्तान में विलय कराने में भी इनकी एक अहम भूमिका रही है।
उनकी ख़िदमात आज भी हमें रोशनी दिखाती हैं. हम एक ऐसे रहनुमा को ख़िराज़-ए-अकीदत पेश करते हैं जिनकी शख़्सियत और काम का टोंक रियासत पर गहरा असर हुआ।