नागौर। शेरानी आबाद क़स्बे के हज़रत उ़मर कॉलोनी स्थित दावते इस्लामी इंडिया के मदरसतूल मदीना फैजाने ग़रीब नवाज़ में एक 9 साल के नन्हें बालक ने क़ुरआन हिफ्ज़ करके अपना और अपने परिवार का नाम रोशन किया है। फ़रोग़ अ़लीम पुत्र मुफ़्ती खालिद अय्यूब मिस्बाही ने मात्र 9 साल की उ़म्र में पूरे क़ुरआन को याद कर लिया है यह गांव और समाज के लिए गौरव की बात है।
इस दौरान मुफ़्ती खालिद अय्यूब मिस्बाही ने बताया कि दरअसल कुरआन इस्लाम मज़हब की एक पवित्र किताब है, जिसमें इंसानों के लिए इंसानियत और जिंदगी गुजारने का पूरा तरीका मौजूद है, जिस पर अ़मल करने से इंसान परहेजगार (यानी की बुरी बातों और गुनाहों से खुद भी बचने और दूसरों को भी रोकने वाला) बन जाता है। 9 साल के फ़रोग़ अ़लीम ने इसी पवित्र किताब को हिफ्ज़ यानी की मौखिक याद किया है। अब वो उस पर अ़मल करते हुए कुरआन के इंसानियत के पैगाम को आ़म करेगा।
कुरआन के पैगाम को दुनिया तक पहुंचाएं :
हाफ़िज़ मोहम्मद आरिफ़ ने बताया कि इसका मकसद ये है कि हम कुरआन के पैगाम को दुनिया तक पहुंचाएं और हमारे वतनी भाइयों तक पहुंचाएं। कुरआन हमे ये पैगाम देता है कि हम सभी प्यार और मोहब्बत के साथ रहें। एक दूसरे का ख्याल रखें।इस दौरान कार्यक्रम का समापन खुशुसी दुआओं के साथ हुआ।
इस दौरान हाजी खलील अहमद, शौकत अली खान,मौलाना मोहम्मद जिलानी,हाफिज मोहम्मद शोएब,हाफ़िज़ मोहम्मद इरफान,कारी अख्तर रजा, मौलाना आरिफ़ अशरफी सहित कई लोग उपस्थित रहे।