06 दिसम्बर 2021 ईस्वी बरोज़ सोमवार,जीलानी मैदान डुडा फक़ीर रोड,सोलंकियों की बस्ती,सोलंकिया में हर साल की तरह इस साल भी अ़ज़ीमुश्शान पैमाने पर जल्सा-ए-ग़ौषे आज़म दस्तगीर इन्तिहाई अ़क़ीदत व एहतिराम के साथ मनाया गया।
जल्से की शुरुआ़त अल्ला के मुक़द्दस कलाम से की गई।
फिर दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ और दारुल उ़लूम की तअ़लीमी शाख:मदरसा अहले सुन्नत अनवारे क़ादरिया सोलंकिया के कुछ होनहार तल्बा ने अपना दीनी व मज़हबी,इस्लाही व मअ़लूमाती प्रोग्राम नअ़त,ग़ज़ल[सिंधी नअ़त]मन्क़बत, तक़रीर व मुकालमा की शकल में पेश किया,जिसे उ़़ल्मा व अ़वाम ने खूब पसंद किया और दाद व तहसीन से नवाज़ा।
बादहु दर्ज ज़ैल उ़ल्मा-ए-किराम ने मुख्तलिफ उ़न्वानात पर अपने अपने अंदाज़ मे उ़़म्दा खिताबात किए।
★खतीबे हर दिल अ़ज़ीज़ हज़रत मौलाना जमालुद्दीन साहब क़ादरी अनवारी…★हज़रत मौलाना बिलाल अहमद साहब क़ादरी बसरा…★हज़रत मौलाना मुहम्मद यूसुफ साहब क़ादरी [खलीफा:जीलानी जमाअ़त]…★मौलाना रियाज़ुद्दीन सिकन्दरी अनवारी……
जब कि हज़रत हाफिज़ व क़ारी अ़ताउर्रहमान क़ादरी अनवारी जोधपुर ने खुसूसी नअ़त ख्वानी का शर्फ हासिल किया।
आखिर में खुसूसी खिताब के लिए नाज़िमे इज्लास हज़रत मौलाना अ़ली मुहम्मद साहब क़ादरी अशफाक़ी ने नूरुल उ़ल्मा पीरे तरीक़त,रहबरे राहे शरीअ़त वाक़िफे असरार व मअ़रफत हज़रत अ़ल्लामा अल्हाज सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी मद्द ज़िल्लहुल आ़ली को दावते खिताब दिया-
आप ने कुरसी-ए-खिाबत पर जल्वा अफरोज़़ होकर आ़लिमाना वक़ार के साथ क़ौम को इन्तिहाई नासिहाना खिताब फरमाया।
आप ने जल्से [अ़वामे अहले सुन्नत] को खिताब करते हुए फरमाया कि “दुनिया दारुल अ़मल है और आखिरत दारुल जज़ा,इस लिए हम सभी मुसलमानों को चाहिए कि अपनी इस मुख्तसर दुनियावी ज़िन्दगी को ग़नीमत समझते हुए और आखिरत की बेहतरी के लिए दुनिया में ज़्यादा से ज़्यादा नेक काम करने की कोशिश करें,अल्लाह तआ़ला की तरफ से फर्ज़ की हुई सभी इबादतों की अदाइगी की भरपूर कोशिश करें,,बिलखुसूस नमाज़े पंजगाना पाबंदी से पढ़ने की हर मुम्किन कोशिश करें।………अपने माँ बाप की इताअ़त व फरमाँबरदारी करें,छोटो पर शफक़त और अपने से बड़ों का एहतिराम करें,जुम्ला अवामिरे शरइय्या पर अ़मल पैरा और मन्हिय्यात से परहेज़ करने की कोशिश करें।
इन बातों के साथ साथ आप ने इस इलाक़े में राइज कुछ ग़लत रस्म व रिवाज की निशान्दही करते हुए उन के असल शरई मस्अला की वज़ाहत करते हुए जुम्ला बे बुनियाद बातों और वाहियात व खुराफात से लोगों को बचने की ताकीद व तल्क़ीन फरमाई।
इस जल्से में खुसूसियत के साथ यह हज़रात शरीक हुए।
★हज़रत मौलाना मुहम्मद शमीम अहमद नूरी मिस्बाही,नाज़िमे तअ़लीमात: दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ…★हज़रत अ़ल्लामा व मौलाना दिलावर हुसैन क़ादरी…★हज़रत मौलाना बाक़िर हुसैन क़ादरी अनवारी…★हज़रत मौलाना फखरुद्दीन साहब अनवारी, रानासर…★हज़रत मौलाना अ़ब्दुस्सुब्हान क़ादरी अनवारी, सियाई…★मौलाना अ़ली मुहम्मद अनवारी,आँत्रा…★मौलाना रोशनुद्दीन सोहरवर्दी अनवारी…★मौलाना अ़ब्दुस्सत्तार सिकन्दरी अनवारी…★मौलाना ग़ुलाम मुहम्मद सिकन्दरी अनवारी,मोगन गढ़ वग़ैरहुम:
सलातो सलाम और नूरुल उ़़ल्मा क़िब्ला पीर साहब की दुआ़ पर जल्सा इख्तिताम को पहुंचा।
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👇रिपोर्टर:👇
(मौलाना)मुहम्मद हमज़ा क़ादरी अनवारी नोहड़ी
खतीब व इमाम जामा मस्जिद सोलंकियों की बस्ता व [खादिम] मदरसा अहले सुन्नत अनवारे क़ादरिया सोलंकिया,तहसील:गडरा रोड,ज़िला:बाड़मेर (राज:)
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