राजस्थान

मौलाना अरमान को ग़ौसे आज़म फाउंडेशन ने क़ाज़ी नियुक्त किया

जयपुर । ग़ौसे आज़म फाउंडेशन देश/ समाज और क़ौम की अनेकों प्रकार से निस्वार्थ भाव से लगातार सेवाऐं कर रहा है। यह सरकार द्वारा मानयता प्राप्त चैरिटेबल ट्रस्ट है। इसके अनेकों उद्देश्य (Objective) हैं। हर जगह (Everywhere) मुफ़्ती/ नायब मुफ़्ती (क़ाज़ी-ए-शर’अ़) व क़ाज़ी/ नायब क़ाज़ी (क़ाज़ी-ए-निकाह) नियुक्त करना भी इसका मुख्य उद्देश्य है।

ग़ौसे आज़म फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हज़रत मौलाना मोहम्मद सैफुल्लाह ख़ां अस्दक़ी ने बताया कि ग़ौसे आज़म फाउंडेशन ने अभी तक देश में मसलके अहले सुन्नत व जमाअत (आला हज़रत) के मानने वाले 18 हाफ़िज़ों, आलिमों, मुफ़्तियों को क़ाज़ी-ए-निकाह नियुक्त कर चुका है और आज इदारतुल मुस्तफ़ा व हनफ़ी दारूल इफ़्ता, जयपुर के संस्थापक व संयोजक हज़रत मौलाना मोहम्मद अरमान सिद्दिक़ी बरकाती की दिली ख़्वाहिशों का एहतेराम करते हूए उन्हें भी ग़ौसे आज़म फाउंडेशन का 19वां क़ाज़ी-ए-निकाह नियुक्त कर दिया गया है।

ग़ौसे आज़म फाउंडेशन का क़ाज़ी-ए-निकाह बनने के बाद हज़रत मौलाना मोहम्मद अरमान सिद्दिक़ी बरकाती ने ख़ुशी का इज़हार किया और कहा कि दूल्हा-दुल्हन के बारे में पूरी जानकारी, जैसे क़ानूनी तौर पर दूल्हा-दुल्हन की उम्र, मसलके अहले सुन्नत व जमाअत (आला हज़रत) का होने पर व पूरी तसल्ली होने पर ही इस्लामिक क़ानून और शरीयत के हिसाब से ही और मेरे द्वारा जमा किए गए शपथ पत्र के मुताबिक़ ही निकाह पढ़ाऊंगा। नाबालिग़ लड़के-लड़कियों, बदमज़हबों-बदअ़क़ीदों का किसी भी सूरत में निकाह नहीं पढ़ाऊंगा। घर से भागे लड़के व लड़कियों का निकाह नहीं पढ़ाऊंगा व ऐसा कोई निकाह नही पढ़ाऊंगा, जो भारत के किसी क़ानून में मना हो या शरीअ़त में नाजायज़ व हराम हो। तलाक़ शुदा मर्द व औरत का निकाह, तलाक़ नामा की रसीद, काग़जात देखकर व तसल्ली करने के बाद ही पढ़ाऊंगा।

हज़रत क़ाज़ी मौलाना मोहम्मद अरमान सिद्दिक़ी बरकाती ने कहा कि मेरे द्वारा पढ़ाए गए निकाह का, शरई व क़ानूनी तौर पर, सिर्फ मैं ही ज़िम्मेदार रहुँगा। ग़ौसे आज़म फाउंडेशन इसका ज़िम्मेदार नहीं होगा। मैं किसी भी दूसरे व्यक्ति को निकाह करवाने के लिए ग़ौसे आज़म फाउंडेशन के निकाह का रजिस्टर नहीं दूँगा और अपने नीचे किसी अन्य व्यक्ति को निकाह करवाने के लिए नियुक्त नहीं करूँगा। मैं हर महीने की 1 तारीख़ से लेकर 10 तारीख़ तक निकाह नामे के रजिस्टर को सत्यापन करवाने के लिए ग़ौसे आज़म फाउंडेशन की हेड़ ऑफिस, झोटवाड़ा, जयपुर में उपस्तिथ रहुँगा। निकाह का रजिस्टर पूरा हो जाने पर निकाह का रजिस्टर ग़ौसे आज़म फाउंडेशन की हेड़ ऑफिस में जमा करवा दूँगा और निकाह नामा का रजिस्टर जमा करवाने के बाद ही नया रजिस्टर निकलवाऊंगा।

इस अवसर पर हज़रत क़ाज़ी मौलाना मोहम्मद अरमान सिद्दिक़ी बरकाती को ग़ौसे आज़म फाउंडेशन का क़ाज़ी-ए-निकाह बनने पर फाउंडेशन के सभी ट्रस्टियों, सदस्यों, सहयोगियों और उलमा ने ढेर सारी बधाईयां और मुबारकबाद पेश किया।

समाचार अपडेट प्राप्त करने हेतु हमारा व्हाट्सएप्प ग्रूप ज्वाइन करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *