- बहराइच हिंसा: पुलिस की लापरवाही से बढ़ा नुकसान ।
- महराजगंज हिंसा: मुसलमानों का करोड़ों का नुकसान, सरकार से मांग है न्याय ।
- बहराइच में उपद्रवियों का आतंक, मस्जिदों और घरों में तोड़फोड़ ।
- सांप्रदायिक हिंसा में पुलिस की भूमिका पर सवाल, अलहाज सईद नूरी ने जताई चिंता ।
बहराइच। महराजगंज में हुए सांप्रदायिक हिंसा में पुलिस की लापरवाही के कारण उपद्रवियों से कम पुलिस से ज्यादा नुकसान हुआ। इस हिंसा में मस्जिदों, कुरान की बेहुरमती और मुसलमानों को यातनाएं दी गईं। उनकी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया। इसके मद्देनजर, रजा अकादमी, आल इंडिया सुन्नी जमीअत उलेमा और जमीअत उलेमा अहले सुन्नत का छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मुंबई से बहराइच पहुंचा है। अगर जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस कप्तान से अनुमति मिल जाती है, तो 30 अक्टूबर को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया जाएगा ।
रजा अकादमी के संस्थापक अलहाज मोहम्मद सईद नूरी ने कहा कि बहराइच हिंसा में मुसलमानों का करोड़ों का नुकसान हुआ है, जहां दरवाजे तोड़कर मुसलमानों के घरों में घुसकर यातनाएं दी गईं और सामान को आग लगा दी गई। इस हिंसा में कई परिवार बेघर हो गए हैं। एक गांव की आधी से ज्यादा आबादी प्रभावित हुई है। उन्होंने सरकार से मांग की कि उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई ऐसी हिम्मत न कर सके।
इसके अलावा, प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि देश में बढ़ती नफरत का निशाना बने बहराइच जिले में धार्मिक जुलूस के दौरान उपद्रवियों ने मुस्लिम घरों को जलाया, करोड़ों का नुकसान किया, और राज्य सरकार ने पीड़ितों को ही अपराधी बनाकर एनकाउंटर भी किया। यह सब मुसलमानों में डर और दहशत पैदा करने के लिए साजिश के तहत किया गया ताकि इसका फायदा उपचुनाव में उठाया जा सके।


