गोरखपुर। हाशमी कमेटी की ओर से पहाड़पुर में जलसा-ए-ईद मिलादुन्नबी का आयोजन हुआ। मुख्य वक्ता कारी शमीम अख्तर व नायब काजी मुफ्ती मो. अजहर शम्सी ने कहा कि क़ुरआन में अल्लाह तआला इरशाद फरमाता है रसूल जो दें वह ले लो और जिससे मना करें उससे रुक जाओ। अल्लाह का यह फरमान हर दौर के लिए है। रसूल-ए-पाक हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम हमारे आइडियल हैं। हमें उन्हीं के नक्शेक़दम पर चलकर दीन व दुनिया की कामयाबी मिल सकती है। रसूल-ए-पाक की तालीमात पर अमल कर दुनिया वालों के लिए बेहतरीन नमूना बनें। इससे रसूल-ए-पाक खुश होंगे। दीन-ए-इस्लाम अमनो सलामती का मजहब है।
विशिष्ट वक्ता कारी फिरोज आलम ने कहा कि मुसलमानों के ज्ञान व विद्या में किए गये कारनामों को नई नस्ल के सामने पेश किया जाए और उन्हें यह एहसास कराया जाए कि दीन-ए-इस्लाम के दामन से ही रौशनी मिलेगी। दीन-ए-इस्लाम की रौशनी इंसान को फायदा पहुंचाने वाली है। हम पश्चिमी जगत की भौतिक उन्नति देखकर हीन-भावना का शिकार न हों और विज्ञान व टेक्नाॅलाजी के क्षेत्र में आगे आएं।
नात-ए-पाक हाफिज जुनैद आलम, शहनवाज आलम, मो. सलीम अहमद ने पेश की। अंत में सलातो सलाम पढ़ कर दुआ मांगी गई। जलसे में इं. काविश हाशमी, हाफिज अजीम अहमद, शाकिब हाशमी, अलाउद्दीन अहमद हाशमी, शहबाज तनवीर, मो. आरिफ, मो. समद, अफजाल आलम, मनोव्वर अहमद आदि ने शिरकत की।