गोरखपुर। मुहर्रम की दस तारीख को पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के नवासे हजरत सैयदना इमाम हुसैन रदियल्लाहु अन्हु व उनके साथियों को दहशतगर्दों ने बेरहमी के साथ तीन दिन का भूखा प्यासा कर्बला के तपते हुए रेगिस्तान में शहीद कर दिया था। इमाम हुसैन की कुर्बानी को याद करते हुए नेक काम करें।
यह बातें जिला शांति एवं सद्भावना समिति के सदस्य व वरिष्ठ समाजसेवी आदिल अमीन ने एक प्रेस रिलीज के जरिए कही।
उन्होंने कहा कि मुहर्रम इबादत का महीना है। हजरत सैयदना इमाम हुसैन व उनके ज़ाबाज़ साथियों की कुर्बानी की याद में पौधा रोपण कार्यक्रम करें। गरीबों व जरूरतमंदों को खाना खिलाएं। मस्जिदों व घरों में ‘जिक्रे शोह-दाए-कर्बला’ महफिल/मजलिस करें। इबादत करें। कुरआन ख्वानी व फातिहा ख्वानी करें। दरूदो सलाम पेश करें। दुआओं का विर्द करें। नौवीं, दसवीं व ग्यारहवीं मुहर्रम की तारीख को रोजा रखिए। जरूरतमंद व गरीब बच्चों को पढ़ने लिखने का सामान मुहैया करवाएं। लंगर-ए-हुसैन और पानी/शर्बत का स्टॉल लगाएं। रक्तदान करें। जरूरतमंद मरीजों का इलाज करा दें। मरीजों व गरीबों में फल वितरण करें। अमनो शांति कायम रखने में प्रशासन की हरसंभव मदद करें।