गोरखपुर। ईद मिलादुन्नबी के मद्देनजर मंगलवार को सुब्हानिया जामा मस्जिद तकिया कवलदह में दरूदो सलाम की महफिल हुई। सामूहिक रूप से दरूदो सलाम पढ़ा गया। रो-रो कर अमन, शांति व तरक्की की दुआ मांगी गई। शुरुआत क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत से हुई। नात-ए-पाक पेश की गई।।
मस्जिद के इमाम मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने कहा कि कुरआन-ए-पाक में अल्लाह फरमाता है कि “बेशक अल्लाह तआला और उसके फ़रिश्ते दरूद भेजते हैं उस गैब बताने वाले नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) पर ऐ ईमान वालों! उन पर दरूद और सलाम भेजो”। दरूदो सलाम एक ऐसी इबादत है जो रज़ा-ए-इलाही और हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से करीब होने का जरिया है। दरूद शरीफ दुआ की कुबूलियत का जरिया है। दरूद शरीफ़ के जरिए अल्लाह बंदों के ग़मों को दूर करता है। दरूद शरीफ तंगदस्त के लिए वुसअत का जरिया है। दरूद शरीफ पढ़ने वाले को इस अमल की वजह से उसकी ज़ात, अमल, उम्र और बेहतरी के असबाब में बरकत हासिल होती है। दरूद शरीफ पढ़ने वाले से आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम मुहब्बत फ़रमाते हैं। दरूद शरीफ़ पढ़ने वाले को किसी की मोहताजी नहीं होती।
महफ़िल में सैयद मारूफ अहमद, सैयद नदीम अहमद, मो. यासीन, अमान अत्तारी, मो. अयान, शहजादे, मो. इस्लाम, मो. आजाद सहित तमाम लोग मौजूद रहे।