बाराबंकी

बाराबंकी: लेखपाल बनते ही महिला ने पति से मांगा तलाक

  • तलाक की मंजूरी को कोर्ट ने किया खारिज
  • मजदूर पति ने कहा जमीन बेचकर पत्नी को पढ़ाया
  • शादी के बाद पढ़ लिखकर लेखपाल बनी महिला
  • अपने किसान पति पर उत्पीड़न का लगाया आरोप
  • बाराबंकी के सतरिख थाना क्षेत्र का मामला

बरेली के बाद अब बाराबंकी जिले से SDM ज्योति मौर्या जैसा मामला सामने आया है. यहां पर शादी के बाद पढ़ लिखकर लेखपाल बनी एक महिला ने अपने किसान पति पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है. साथ ही पत्नी ने कोर्ट में तलाक का मुकदमा भी दाखिल कर दिया है. हालांकि, पारिवारिक न्यायालय कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई करते हुए पत्नी की तरफ से दाखिल तलाक के मुकदमे को आधारहीन पाते हुए खारिज कर दिया है।

पति के अनुसार पढ़ने में रुचि को देखते हुए उसने अपनी पत्नी को पढ़ाया-लिखाया. इस दौरान उसको अपनी जमीन भी बेचनी पड़ी. इसके बाद पत्नी का चयन लेखपाल पद पर हो गया. चयन होने के कुछ दिन बाद उसने पति पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए तलाक का मुकदमा दाखिल कर दिया. जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, यह पूरा मामला बाराबंकी के सतरिख थाना क्षेत्र के मोहम्मदपुर मजरे गाल्हामऊ गांव का है. यहां के रहने वाले अमरीश कुमार की शादी 20 फरवरी 2009 को जैदपुर थाना क्षेत्र के याकूतगंज गांव के रहने वाले रामचरन की बेटी दीपिका के साथ हुई थी. शादी के बाद ससुराल में ही दीपिका का ग्रेजुएशन पूरा हुआ. पति के अनुसार पढ़ने में रुचि को देखते हुए उसे एमए और बीएड कराया. इसके बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग में दाखिला कराया. पति अमरीश, दीपिका को कोचिंग लाने और ले जाने के साथ ही अन्य पारिवारिक जिम्मेदारियां निभाता रहा. अमरीश की मां की मृत्यु साल 2011 में ही हो गई थी।

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