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ज़ैदपुर! बाराबंकी(अबू शहमा अंसारी)बाराबंकी के ऐतिहासिक कस्बा ज़ैदपुर में शहीदाने कर्बला की याद मे मोहर्रम की मजलिसो एवं जुलूसों का सिलसिला जारी है। वक्फ इमामबाड़ा गढ़ी जदीद तालुकदार ज़ैदपुर, इमामबाड़ा मीर बुनियाद हुसैन बड़ी सरकार, इमामबाड़ा सरकारें हुसैनी , इमामबाड़ा मीर ऐनुल हुसैन , इमामबाड़ा मीर मुख़लिस हुसैन में मजलिस हो रही है ।
इमामबाड़ा गढ़ी जदीद तालुकदार ज़ैदपुर में मजलिस को मौलाना ज़हूर मेहंदी मौलाई साहब क़िब्ला ( ईरान ) खिताब फरमा रहे हैं।
मौलाना ने मक़सदे कयामे हुसैन शीर्षक से मजलिस खिताब करते हुए कहा की अज़ाये हुसैन अ.स. में रिज़ाये हुसैन भी होना जरूरी है । हमारा कोई भी अमल ऐसा न हो जो दीन के ख़िलाफ़ हो । रसूल स.अ. स. के नवासे हज़रत इमाम हुसैन ने इसी दीन और शरीयत की हिफाज़त के लिए कर्बला के मैदान में कुर्बानी दी और वक्त के तानाशाह यज़ीद की बैयत करने से इन्कार कर दिया और फ़रमाया की मुझ जैसा यज़ीद जैसे की बैयत नहीं कर सकता
इसके बाद मौलाना ने कर्बला में हुसैनी फौज के साथियों और बच्चों की शहादत के मसायब बयान किये जिसे सुनकर अज़ादार रो पड़े।
मजलिस से पहले सईद अब्बास जै़दपुरी साहब ने सोज़ख्वानी और सैयद कामिल रिज़वी ने पेशख्वानी के फरायज़ अंजाम दिये ।