बाराबंकी

जिला अस्पताल में अव्यवस्था के चलते जिलाअधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजा पत्र

मसौली/बाराबंकी(अबू शहमा अंसारी)। स्व0 श्री अवध बिहारी सेवा ट्रस्ट के मुख्यट्रस्टी क्रांतिकारी अधिवक्ता रितेश कुमार मिश्र ने अपने अधिवक्ता साथियों के साथ जिलाधिकारी अविनाश कुमार के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी को जिला अस्पताल में लगभग 1 वर्ष से टेक्नीशियन के आभाव में अल्ट्रासाउंड की सेवा बंद होने के संदर्भ में ज्ञापन दिया।
अवगत हो कि क्रांतिकारी अधिवक्ता है समाजहित के मुद्दों को लेकर अपनी आवाज बुलंद करते हुए जिला अस्पताल में लगभग 1 वर्ष से टेक्नीशियन के आभाव में अल्ट्रासाउंड की सेवा बंद होने के संदर्भ में माननीय मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन जिलाधिकारी के मध्यम से देते हुए तत्काल अल्ट्रासाउंड की सेवा चालू करवाये जाने की मांग की जिसपर जिलाधिकारी ने शीघ्र ही अल्ट्रासाउंड की सेवा चालू करवाये की मांग किया।
क्रांतिकारी अधिवक्ता ने बताया कि सरकार आमजनमानस के कल्याण की विचारधारा लेकर अनेकों जनकल्याणकारी योजनाएं चला रही है जिसमे से एक सरकारी स्वास्थ्य सेवा भी है सरकार की नीति आमजनमस व दुर्बल आय वर्ग के व्यक्तियों को निःशुल्क अथवा बहुत ही न्यून शुल्क पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाना है ताकि लोगों का स्वास्थ्य व जीवन संकटापन्न न हो बावजूद इसके विडंबना यह है कि प्रदेश की राजधानी से सटे जनपद बाराबंकी की स्वास्थ्य सेवाएं खस्ताहाल हैं जिले के सरकारी अस्पताल में पर्चा बनवाने के लिए घंटों लाइन में लगने के बाद डॉक्टर तक पहुंचने में दिन खत्म होने पर जाता है इसके बावजूद डॉक्टर व कर्मचारी मरीजों से सौहार्दपूर्ण व्यवहार तक नहीं करते और उनको खानापूर्ति करते हुए किसी तरह निपटाने का प्रयास किया जाता है यही हाल आपातकालीन सेवा का भी है वहां आने वाले मरीजों को तैनात डॉक्टर का चेहरा देखना भी बड़ी मुश्किल से नसीब होता है वहां इलाज तो सिर्फ कंपाउंडर के सहारे चलता है वो भी ऐसे कि जैसे मरीज स्वास्थ्य सेवाएं लेने नहीं बल्कि खैरात मांगने आया हो यह तो बानगी मात्र है विशेष तथ्य यह है कि बाराबंकी जिला अस्पताल में लगभग 1 वर्ष से टेक्नीशियन के आभाव में अल्ट्रासाउंड की सेवा बंद है किंतु न ही स्वास्थ्य महकमा और न ही जिला प्रशासन इस ओर ध्यान दे रहा है बल्कि आने वालों मरीजों को अल्ट्रासाउंड के लिए निजी डायग्नोस्टिक सेंटरों में भेज दिया जाता है जहां उनसे मोटी रकम वसूल की जाती है इसी से पीड़ित होकर अधिकांश गरीब तबके के लोग अपना इलाज ही बंद कर देते हैं जिसका दुष्प्रभाव उनके स्वास्थ्य पर होता है उनका जीवन संकटापन्न हो जाता है परंतु जिम्मेदार अधिकारी कतई इस समस्या पर ध्यान देना नही चाहते अब ये उनकी मजबूरी है या निजी डायग्नोस्टिक सेंटरों से मिलने वाले लाभ का प्रभाव..? यह जांच का विषय है लेकिन आमजनमनस के हित में अल्ट्रासाउंड सेवा अविलंब चालू करवाया जाना अति आवश्यक है।
ज्ञापन देने में रितेश कुमार मिश्र सहित सुधा गौतम,सुमन देवी,विनय शुक्ला,रजनीश शुक्ला,पवन मिश्र,संजय गांधी,दिवाकर सिंह, रितेश कुमार,जयराम चौरसिया,श्रीकांत ,वीरेंद्र तिवारी,सूरज कनॉजिया,अमित सूर्यवंशी,राजेश कुमार चौरसिया,अविनाश गौतम,शुभम शर्मा ,बलराम, विजय पांडेय,महेंद्र यादव,अरविंद शुक्ला,धीरेंद्र तिवारी,निधीश प्रताप सिंह,ज्ञान प्रकाश मिश्र,अभिषेक शुक्ला,मनोज कुमार,आकाश,आशुतोष वर्मा,शरद मिश्र,ज्ञान सिंह,धीरेंद्र सिंह आदि अधिवक्ता उपस्थिति रहे।

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