दिल्ली

दिल्ली में यमुना नदी खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर, CM ऑफिस-लाल किले तक पहुंची, 3 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद, पीने के पानी का संकट

दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात हैं। आज शाम 6 बजे तक यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर पर पहुंच गया। यह खतरे के निशान 205 मीटर से 3 मीटर ज्यादा है। यह लेवल स्टेबल बना हुआ है। यमुना वजीराबाद से ओखला तक 22 किमी में है। केंद्रीय जल आयोग को आशंका है कि आज दोपहर तक जलस्तर 209 मीटर पहुंचने पर ज्यादातर इलाकों में पानी भर जाएगा। यहां NDRF की 12 टीमें तैनात की गई हैं। 2,700 राहत शिविर लगाए गए हैं।

कई इलाके पानी में डूब गए हैं। 5 से 6 फीट तक पानी भर गया है। यमुना नदी के किनारे बसे निचले इलाकों से 16 हजार से ज्यादा लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। दिल्ली सरकार ने एडवाइजरी में कहा कि बाहरी राज्य के लोग दिल्ली में प्रवेश ना करें। लोगों की मदद के लिए NDRF की 16 टीमें लगाई गई हैं। सिंघु बॉर्डर, बदरपुर बॉर्डर, लोनी बॉर्डर और चिल्ला बॉर्डर सील कर दिए हैं। भारी मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। छोटे वाहनों की एंट्री जारी रहेगी। दिल्ली सरकार ने रविवार तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद रखने के आदेश दिए हैं।

बजीराबाद, ओखला और चंद्रावल के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद कर दिए गए है। इससे राजधानी के कई इलाकों में पीने के पानी की किल्लत हो सकती है। उधर, सीएम आवास के 500 मीटर तक जलभराव हो गया है। यमुना बाजार, मजनू का टीला, निगम बोध घाट, मोनेस्ट्री मार्केट, वजीराबाद, गीता कॉलोनी और शाहदरा एरिया इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कई इलाकों में पानी भर जाने से रूट्स में बदलाव किया है। यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन में एंट्री और एग्जिट को बंद कर दिया गया है। दिल्ली में बाढ़ के हालात से निपटने के लिए NDRF की 12 टीमें तैनात की गई हैं। मध्य, पूर्वी और उत्तर पूर्वी दिल्ली में तीन-तीन टीमें तैनात की गई हैं, जबकि दक्षिण पूर्वी दिल्ली में दो और शाहदरा इलाके में 1 टीम तैनात है।

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