शिक्षा

हमें अपना शैक्षिक परिवेश चाहिए

फलाहे मिल्लत ट्रस्ट ओझा गंज बस्ती यूपी इंडिया

उत्तर प्रदेश के शहर बस्ती के आसपास के गांव और इलाकों में जितने भी मदरसे हैं उनमें जो एजुकेशन सिस्टम है वह दोधारी छुरी से हलाल करने के जैसा ही है। क्योंकि इस सिस्टम की वजह से मुस्लिम समाज को दोहरा नुकसान उठाना पड़ रहा है। एक तो इस्लामी परिवेश के अलावा दूसरे माहौल में बचपन से बच्चों की शिक्षा होने की वजह से वह इस्लामी संस्कृति और सभ्यता को सही तौर पर समझ ही नहीं पाते और इस्लामी विचारधारा का उन्हें सही ज्ञान भी प्राप्त नहीं होता। जिसके कारण अगर ऐसे बच्चे किसी तौर पर शिक्षा ग्रहण करके किसी बड़े पोस्ट या बड़े पद पर पहुंच जाएं तो भी उन्हें इस्लाम और मुस्लिम समाज के लिए कोई चिंता नहीं होती। दूसरा नुकसान यह होता है कि कान्वेंट स्कूल या और दूसरे स्कूलों में जाने की वजह से ऐसे बच्चे अपने धर्म की बुनियादी शिक्षा जो मूलभूत शिक्षा है उसको नहीं ग्रहण कर पाते और वह इस्लाम धर्म के बारे में कोई सही ज्ञान नहीं रखते हैं। उनकी धार्मिक शिक्षा बिल्कुल चौपट हो कर रह गई है। घंटे 2 घंटे में एक टीचर के देखरेख में पचास से सौ लड़के तक होते हैं एक बच्चे पर रोजाना 1 से 2 मिनट आता है उस एक 2 मिनट में एक बच्चे को जरूरी शिक्षा भी नहीं दी जा सकती बजाय उसे एक्सपर्ट बनाने के। विश्व की कोई ऐसी शिक्षा है जिसके बारे में बच्चे को रोजाना एक-दो मिनट मिले और वह उस से रिलेटेड जरूरी चीजें सीख जाए ? नहीं बिल्कुल नहीं फिर इस्लाम और सुन्नत जो एक मुसलमान की जान है वह उसके बारे में इस छोटी सी अवधि में कैसे जान सकता है। हम मुसलमान हैं उसके बाद भी इस्लाम की मूलभूत शिक्षा के बारे में हमारा इतना रूखा व्यवहार बहुत ही पीड़ादायक है। इसलिए हमें हमें मुस्लिम समाज की धार्मिक शिक्षा पद्धति को ठोस करने के साथ मॉडर्न एजुकेशन सिस्टम के साथ उसे जोड़ना होगा और इसके लिए हमें अपना खुद का इस्लामिक शैक्षिक वातावरण बनाना होगा जहां हमारे बच्चे व्यवसायिक और धार्मिक शिक्षा प्राप्त करें। दूसरे स्कूलों में भेजकर हमने अपने बच्चों का काफी नुकसान करा लिया है हमने उन्हें इस्लामी संस्कृति और सभ्यता से बिल्कुल दूर कर दिया है इस्लामी आचरण व विचारधारा से वह खाली हो गए हैं।
फलाहे मिल्लत ट्रस्ट के संस्थापक जानशीनें फकीह ए मिल्लत हजरत मौलाना हाफिज ओ कारी मुफ्ती अजहार अहमद अमजदी मिस्बाही अजहरी मरकरजे तबीयते इफ्ता खानकाहे अमजदिया ओझा गंज बस्ती यूपी और ट्रस्ट के सदस्यगण
मुस्लिम समाज में इस क्षेत्र में जागरूकता लाने के लिए भरसक प्रयासरत हैं। इसीलिए हर जुम्मा को किसी गांव में जाकर उससे संबंधित मदारिस के जिम्मेदार और गांव वालों से वार्तालाप की जाती है और बीच-बीच में मौका मिलता है तो उसे भी काम में लाते हुए इस मिशन को आगे बढ़ाने की कोशिश की जाती है।
इन जगहों पर जानशीने फकीहे मिल्लत के साथ मौलाना अब्दुल अहद साहब किबला पकरी,मौलाना सलीम साहब पकरी, नबीरहे फकीहे मिल्लत मौलाना अबू उबैदा मिसबाही साहब बस्ती, मौलाना जाहिद अली साहब सीरिया, मौलाना नूर मोहम्मद साहब कोटिया, मौलाना इस्माईल साहब पकरी, मौलाना जुनेद साहब लधना, और हाफिज तौकीर साहब नंदूरी, मोहम्मद अहमद साहब फरेंदा जागीर, जावेद भाई कमाल खां प्रधान पकरी,और नंदूरी मदरसा के मैनेजर वगैरह शामिल रहे।
अल्लाह ताला अपने हबीब ए पाक सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम के सदके हम सबको मिलजुल कर काम करने की तौफीक अता फरमाए। फलाहे मिल्लत को दीनी और दुनियावी मोटिव में कामयाबी अता फरमाए। और इस काम के लिए लोगों का दिल इस ट्रस्ट की जानिब फेर दे। खासकर समाज के बड़े लोग जो समाज की प्रगति के लिए कुछ बेहतर कर सकते हैं आमीन सुम्मा आमीन.

मैनेजमेंट फलाहे मिल्लत ट्रस्ट ओझा गंज बस्ती यूपी इंडिया 1 रज्जब 1442 मुताबिक 14 फरवरी 2021
9936691051.

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