गोरखपुर। इस्लामी साल का सातवां महीना रजब है। 14 फरवरी से माह-ए-रजब का आगाज होगा। माह-ए-रजब में मस्जिद, दरगाह व मुस्लिम मोहल्लों में उर्स व जलसों का आयोजन होगा। कुरआन ख्वानी, फातिहा ख्वानी व दुआ ख्वानी की जाएगी। माह-ए-रज़ब में शहर की कई मस्जिदों में शब-ए-मेराज पर जलसा होगा। मुसलमानों के चौथे खलीफा अमीरुल मोमिनीन हज़रत सैयदना अली रज़ियल्लाहु अन्हु का जन्मदिवस मनाया जाएगा साथ ही हिन्दुस्तान, सीरिया, तुर्की, इराक, मक्का-मदीना, उज्बेकिस्तान आदि देशों की मुकद्दस हस्तियों का उर्स-ए-पाक भी मनाया जाएगा।
मुफ्ती मो. अज़हर शम्सी (नायब काजी) ने बताया कि रजब का अर्थ है ताज़ीम करना। अहले अरब इस महीने की ख़ास ताज़ीम किया करते थे। इस बरकत व रहमत और फ़ज़ीलत वाले महीने में शब-ए-मेराज है। माह-ए-रजब की 27 तारीख़ की मुबारक रात में अल्लाह ने अपने हबीब पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम को मेराज अता फ़रमाई और आपको ला मकां की उस बुलंदी पर बुलाया जिस का कोई तसव्वुर भी नहीं कर सकता। आपको अल्लाह ने अपना दीदार कराया, आपसे कलाम किया और मोमिनों के लिए नमाज़ का तोहफा अता फ़रमाया।
सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाजार के इमाम व खतीब हाफिज रहमत अली निज़ामी ने बताया कि माह-ए-रजब में फतह जंग-ए-खैबर, मुसलमानों के चौथे खलीफा अमीरुल मोमिनीन हज़रत सैयदना अली रज़ियल्लाहु अन्हु का जन्मदिवस, हज़रत ख़्वाजा उवैस करनी अलैहिर्रहमां, हज़रत हसन बसरी अलैहिर्रहमां, हज़रत ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ अलैहिर्रहमां, हज़रत शैख़ शम्सुद्दीन तबरेजी अलैहिर्रहमां, सहाबिए रसूल हज़रत सैयदना अब्बास इब्ने अब्दुल मुत्तलिब रज़ियल्लाहु अन्हु, हज़रत इमाम अबू ईसा मोहम्मद बिन ईसा तिर्मिजी अलैहिर्रहमां, उम्मुल मोमिनीन हज़रत सैयदा जैनब बिन्त जहस रज़ियल्लाहु अन्हा, हज़रत सैयद सालार मसूद गाजी मियां अलैहिर्रहमां, हज़रत सैयदा जैनब बिन्त अली रज़ियल्लाहु अन्हा, हज़रत सैयदना इमाम जाफ़र सादिक रज़ियल्लाहु अन्हु, हज़रत उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ रज़ियल्लाहु अन्हु, सहाबिए रसूल हज़रत सईद बिन हारिस रज़ियल्लाहु अन्हु, हज़रत इमाम याहया नौवी अलैहिर्रहमां, सुल्तान-ए-इस्लाम, सहाबिए रसूल कातिबे वही हज़रत सैयदना अमीर मुआविया रज़ियल्लाहु अन्हु, हज़रत इमाम सैयदना मूसा काज़िम रज़ियल्लाहु अन्हु, हज़रत अबुल कासिम जुनैद बगदादी अलैहिर्रहमां, हज़रत सैयदना इमाम मुस्लिम बिन हज्जाज अलैहिर्रहमां, हज़रत अल्लामा क़ाज़ी सना उल्लाह पानीपती अलैहिर्रहमां, मुगल बादशाह शाहजहां अलैहिर्रहमां का उर्स-ए-पाक अदब व एहतराम के साथ मनाया जाएगा।