गोरखपुर

मुकद्दस रमज़ान का 18वां रोज़ा इबादत में बीता

गोरखपुर। मुकद्दस रमज़ान की आमद से लेकर अब तक बंदे अल्लाह की रहमत से फैजयाब हो रहे हैं। रहमत व बरकत का सिलसिला बदस्तूर जारी है। मस्जिद व घरों में कसरत से नमाज़ पढ़ी जा रही है। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत जारी है। मग़फिरत का अशरा शुक्रवार की शाम समाप्त होने वाला है। इसके बाद जहन्नम से आज़ादी का अशरा शुरू होगा। अंतिम अशरा में दस दिनों का एतिकाफ किया जाएगा। जो शुक्रवार शाम से शुरू होगा। वहीं शबे कद्र की ताक रातों में जागकर इबादत की जाएगी।

बुधवार को 18वां रोजा अल्लाह-अल्लाह करते हुए बीता। कारी मोहम्मद अनस रज़वी ने बताया कि शबे कद्र की ताक रात शुक्रवार 22 अप्रैल (21वीं रात), रविवार 24 अप्रैल (23वीं रात), मंगलवार 26 अप्रैल (25वीं रात), गुरुवार 28 अप्रैल (27वीं रात) व शनिवार 30 अप्रैल (29वीं रात) को पड़ेगी। हमें उक्त रातों की कद्र करते हुए खूब इबादत करनी चाहिए।

ईद की खरीददारी जोरों पर है। ईद ख़ुशी का पैग़ाम लाती है। वैसे तो रमज़ान के आमद से ही खरीदारी शुरु हो जाती है। कुर्ता-पायजामा, शर्ट-पैंट, सलवार सूट के कपड़े पहले से खरीद लिए जाते हैं। रेडीमेड कपड़ों की बिक्री चांद रात तक चलती रहती है। रेती रोड मदीना मस्जिद से लगायत शाह मारूफ, घंटाघर, गीता प्रेस, उर्दू बाज़ार एक दूसरे से सटे हुए हैं। ईद की ज्यादातर खरीदारी लोग यहीं से करना पसंद करते है, क्योंकि यहां गोलघर की अपेक्षा कपड़े सस्ते व बजट में मिल जाते हैं। शाह मारूफ बाज़ार में हमेशा चहल पहल बनी रहती है लेकिन रमज़ान की आमद पर यहां का नज़ारा बदला-बदला सा नज़र आता है। 21 रमज़ान से लगने वाले अस्थायी बाज़ार को खास ईद के लिए सजाया जाता है। लेकिन यह बाज़ार हर मजहब, अमीर-ग़रीब का पसंदीदा बन जाता है। सभी कुछ न कुछ खरीदना चाहते हैं। इस वक्त बाज़ार में रेडीमेड कपड़े, जूता चप्पल, प्लास्टिक के बर्तन, शीशे के सामान, टोपी, इत्र, आटीफिशियल ज्वैलरी, बेल्ट, चश्मा, सजावट के लिए प्लास्टिक के फूल बिक रहे हैं। बाज़ार में नग के समान, कान के झुमके, चूड़ियां वगैरा भी खूब बिक रही हैं।

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