नई दिल्ली: टेरर फंडिंग मामले की जांच का सामना कर रहे पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर बैन (Ban on PFI) लगा दिया गया है. दिल्ली-यूपी से लेकर देश के अलग-अलग ठिकानों पर ताबड़तोड़ एक्शन के बाद केंद्र सरकार ने UAPA के तहत इस संगठन को गैरकानूनी घोषित कर दिया है. सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, पीएफआई पर पांच साल का बैन लगाया गया है. इतना ही नहीं, पीएफआई के अलावा उससे जुड़े अन्य आठ संगठनों पर भी बैन लगाया गया है. टेरर लिंक के आरोप में देश के कई राज्यों में पीएफआई पर लगातार छापेमारी के बाद केंद्र सरकार ने यह एक्शन लिया है.
बताया जा रहा है कि जांच एजेंसियों की ओर से टेरर लिंक के पुख्ता सबूत मिलने के बाद ही गृह मंत्रालय ने यह कार्रवाई की है. गृह मंत्रालय के मुताबिक, पीएफआई और उससे जुड़े सभी सहयोगी संगठनों पर पांच साल के लिए त्वरित प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है. बताया जा रहा है कि प्रतिबंधित संगठन सिमी और जेएमबी से पीएफआई के लिंक मिले थे, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई है. बता दें कि 22 सितंबर और 27 सितंबर को पीएफआई पर देशव्यापी छापेमारी हुई थी और सैकड़ों कैडर को गिरफ्तार किया गया था.
इन संगठनों पर भी लगा बैन
केंद्र सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, पीएफआई के अलावा 8 सहयोगी संगठनों पर भी कार्रवाई की गई है. पीएफआई के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन (RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (AIIC), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (NCHRO), नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल जैसे सहयोगी संगठनों पर भी बैन लगाया गया है.