माह-ए-शव्वाल 1443 हिजरी/2022 दीन-ए-इस्लाम का 10वां महीना 1 शव्वाल ईद-उल-फित्रमाह-ए-रमज़ान का रोजा ऐलान-ए-नबूवत के 15वें साल दस शव्वाल दो हिजरी में फ़र्ज़ हुआ। हज़रत इमाम अबू अब्दुल्लाह मोहम्मद बिन इस्माईल बुखारी रदियल्लाहु तआला अन्हु : “बुखारी शरीफ – सहीह अल बुखारी – सहीह बुखारी” : विलादत 👉13 शव्वाल 194 हिजरी, विसाल 👉 1 शव्वाल 256 […]
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दसवीं रमज़ान को बहुत याद आईं उम्मुल मोमिनीन हज़रत खदीजा
गोरखपुर। शहर की मस्जिदों में चल रहे रमज़ान के विशेष दर्स के दौरान मंगलवार को पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की पहली बीवी उम्मुल मोमिनीन (मोमिनों की मां) हज़रत खदीजा तुल कुबरा रदियल्लाहु अन्हा की ज़िंदगी पर रोशनी डाली गई। उनका यौमे विसाल (निधन) दस रमज़ान को हुआ था। सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाज़ार […]
हज़रत फातिमा को शिद्दत से किया याद
गोरखपुर। मस्जिदों में चल रहे माह-ए-रमज़ान के विशेष दर्स के तीसरे दिन मंगलवार को रमज़ान के फजाइल के साथ हज़रत फातिमा ज़हरा रदियल्लाहु अन्हा की जिंदगी पर रोशनी डाली गई। चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में हाफ़िज़ महमूद रज़ा कादरी ने बताया कि पैग़ंबर-ए-आज़म हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बेटी, हज़रत अली की बीवी हज़रत फातिमा […]
सेहलाऊ शरीफ में 154 वाँ उ़र्से बुखारी मनाया गया।
उर्स के प्रोग्राम में ज़ाइरीन का सैलाब उमंड पड़ा। इलाक़ा-ए-थार की मशहूर दीनी दर्सगाह “दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ,गरडिया,बाड़मेर” के वसीअ़ ग्राउंड में 13 मार्च 2022 ईस्वी दिन:रविवार को क़ुतुबे थार हज़रत पीर सय्यद हाजी आ़ली शाह बुखारी का 154 वाँ, हज़रत पीर सय्यद अ़लाउद्दीन शाह बुखारी का 50 वाँ और बानी-ए-दारुल उ़लूम अनवारे […]
इमाम जाफ़र सादिक की याद में फातिहा ख़्वानी
गोरखपुर। हज़रत सैयदना इमाम जाफ़र सादिक रदियल्लाहु अन्हु की याद में गुरुवार को घरों में फातिहा ख्वानी हुई। हज़रत सैयदना इमाम जाफ़र सादिक को शिद्दत से याद किया गया। हज़रत सैयदा जैनब बिन्ते अली रदियल्लाहु अन्हा का भी उर्स-ए-पाक मनाया गया। सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाज़ार में महफिल सजी। कुरआन ख़्वानी व फातिहा ख़्वानी की […]
गाजी मियां का अकीदत से मनाया गया उर्स-ए-पाक
गोरखपुर। बहरामपुर बाले मियां के मैदान में बुधवार को हज़रत सैयद सालार मसूद गाजी मियां अलैहिर्रहमां का उर्स-ए-पाक अकीदत व एहतराम के साथ मनाया गया। क़ुरआन ख़्वानी, फातिहा ख़्वानी व दुआ ख़्वानी की गई। हाफ़िज़ खुर्शीद आलम ने कहा कि ग़ाजी मियां मानवता का संदेश देने के लिए बहराइच तशरीफ लाए। उस वक्त वहां ऊंच-नीच, […]