गोरखपुर

हज़रत फातिमा को शिद्दत से किया याद

गोरखपुर। मस्जिदों में चल रहे माह-ए-रमज़ान के विशेष दर्स के तीसरे दिन मंगलवार को रमज़ान के फजाइल के साथ हज़रत फातिमा ज़हरा रदियल्लाहु अन्हा की जिंदगी पर रोशनी डाली गई। चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर में हाफ़िज़ महमूद रज़ा कादरी ने बताया कि पैग़ंबर-ए-आज़म हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की बेटी, हज़रत अली की बीवी हज़रत फातिमा जहरा रदियल्लाहु अन्हा का निधन 3 रमज़ानुल मुबारक को हुआ था। आपकी ज़िन्दगी हम सभी खासकर औरतों के लिए ऐसी नज़ीर है, जिस पर अमल करते हुए अपनी जिन्दगी को ख़ूबसूरत बनाया जा सकता है।

सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाज़ार में हाफ़िज़ रहमत अली निज़ामी ने कहा कि हज़रत फातिमा ने अपनी पूरी जिन्दगी अल्लाह की इबादत में गुजार दी। वालिद, शौहर, बेटों के साथ उनका जो सुलूक रहा, वह आज भी एक नमूना-ए-हयात बना हुआ है। आपने जिस तरह जिन्दगी गुजारी, बच्चों की परवरिश, पड़ोसियों का ख्याल रखा वह एक मिसाल है।

मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में मुफ्ती मेराज अहमद क़ादरी ने कहा कि अल्लाह ने हज़रत फातिमा को औरतों के लिए आदर्श बनाया है। हज़रत फातिमा आख़िरी पैग़ंबर हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की प्यारी बेटी हैं। हज़रत खदीजा की आंख का तारा हैं। हज़रत अली की पत्नी हैं और जन्नती जवानों के सरदार हज़रत इमाम हसन व इमाम हुसैन की मां हैं। हज़रत फातिमा का बड़ा रूतबा है। उनसे प्रेरणा हासिल कर मुस्लिम औरतें व दुनिया की तमाम औरतें दीन और दुनिया गुलजार बना सकती हैं।

मस्जिद खादिम हुसैन तिवारीपुर में कारी अफ़ज़ल बरकाती ने कहा कि हज़रत फातिमा सादगी में अपनी मिसाल आप थीं। अपनी मां से मिले तमाम जेवर उन्होंने दान कर दिए थे। वह घर में चक्की पीसने से लेकर तमाम कामों को अपने हाथों से अंजाम देती थीं और बच्चों की परवरिश करती थीं। घर में बिस्तर के नाम पर ऊंट की सूखी खाल थी, जिस पर दिन में उनका ऊंट चारा खाता था और रात में वही खाल सोने के काम आती थी। रात-दिन इबादत में मश्गूल रहती थीं।

नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर में मौलाना मो. असलम रज़वी ने कहा कि हज़रत फातिमा पवित्रता व सत्यता की केंद्र हैं। हज़रत फातिमा का फरमान रहा है, अपने पड़ोसी को न सताओ, अपने मेहमान का सम्मान करो, हमेशा अच्छी बात मुंह से निकालो, वरना खामोश रहो।

गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर में मौलाना मोहम्मद अहमद निज़ामी ने कहा हज़रत फातिमा ऐसी पाक दामन औरत थी जिनका आदर पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम स्वयं करते थे। हज़रत फातिमा नारी शक्ति का प्रतीक हैं, उन्होंने औरतों को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाई। आप जन्नती औरतों की सरदार हैं।

हुसैनी जामा मस्जिद बड़गो में मौलाना मो. उस्मान बरकाती ने कहा कि हज़रत फातिमा हर औरत की आदर्श हैं, उन्होंने जो मार्ग दिखाया है उसका सबको अनुसरण करना चाहिए।

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