लेखक: अब्दुल्लाह रज़वी क़ादरी, मुरादाबाद यूपी भारत प्यारे अज़ीज़ दोस्तो मुनासिब यही है के लोगों को हम नमाज़ रोज़ा हज व ज़कात और दीगर अहकामे शरिअह पर अमल करने की दावत भी देते रहें और ख़ुद भी अमल करने की कोशिश करते रहें जब हम ख़ुद अमल करेंगे और फिर दूसरों को नेकी की दावत […]
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अल्लाह व रसूल का फ़रमान और आज का मुसलमान (क़िस्त 7)
लेखक: अब्दुल्लाह रज़वी क़ादरीमुरादाबाद यू पी, इंडिया दोस्तो आजकल अगर किसी की इस्लाह की जाए तो जवाब मिलता है मियां तुम अपनी करो अपने आप को संभालोऐसा जवाब निहायत ही मज़मूम है और गुनाहों पर बड़ी दिलेरी है| चुनाचे हज़रते अब्दुल्लाह बिन मसऊद रज़िअल्लाहू तआला अन्ह फ़रमाते हैं किअल्लाह तआला के नज़दीक ये एक बड़ा […]