कविता

ऐ जान ए जां मैं फकत तुझसे प्यार करता हूँ

ऐ जान ए जां मैं फकत तुझसे प्यार करता हूँतुम्हारे वास्ते सब कुछ निसार करता हूँ मुझे पता है दगा है तुम्हारी फितरत मेंमगर मैं फ़िर भी तेरा अयतेबार करता हूँ तेरे नसीब की खुशियाँ तुझे मुबारक होमैं रोज़ गम के समंदर को पार करता हूँ इसी सबब से तेरा ज़रफ देखने के लिएकभी कभी […]

कविता

ग़ज़ल: बिक गया वो शख्स आखिर कौड़ियों के दाम पर

रात की तारीकियों में रौशनी के नाम परएक दीया मैंने जला कर रख दिया है बाम पर मेरे अपनों ने मुझे कुछ इस तरह रुस्वा कियामेरा दामन चाक कर डाला रफू के नाम पर एक दूजे से लिपट कर रो रहे थे वालिदैनलाडले परदेश को जब भी गए थे काम पर क्या बताऊँ आपको मैं […]