धार्मिक

ज़रूरी बुनियादी इस्लामी मालूमात

सवाल:- हमारा रब कौन है.?जवाब:- अल्लाह तआला. Question:- Who created the earth, the sky and the whole universe? Answer:- Allah Ta’ala. सवाल:- हमारा दीन क्या है.?जवाब:- हमारा दीन “इस्लाम” है. सवाल:- इस्लाम का कल्मा क्या है.?जवाब:- لا الہ الا اللہ محمد رسول اللہ ﷺ सवाल:- हमारे पैग़ंबर कौन हैं.?जवाब:- हुज़ूर पुर नूर सल्लल्लाहु तआला अलैहि […]

धार्मिक

मौत की याद और लज़ीज़ खाने

एक बादशाह किसी अल्लाह वाले का मुरीद था जब भी अल्लाह वाले बादशाह के यहां आते तो बादशाह अपने मुर्शिद के लिए दुनियां जहां के तमाम खाने तैयार करवाता लेकिन उसके मुर्शिद सिर्फ थोड़ा सा खाना लेते बाक़ी छोड़ देते या हाथ पीछे कर लेते हर दफा बादशाह खाने तैयार करवाता और मुर्शिद हर दफा […]

ऐतिहासिक धार्मिक

हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम का आख़री ख़ुत्बा !

मैदान-ए-अरफ़ात(मक्काह) में 9 ज़िल्हिज्ज् ,10 हिजरी को मोहम्मद सल.अलैहि वसल्लम ने हज का आखरी ख़ुत्बा दिया था। बहुत अहम संदेश दिया था। गौर से पढे हर बात बार बार पढे सोचे कि कितना अहम संदेश दिया था ऐ लोगो ! सुनो, मुझे नही लगता के अगले साल मैं तुम्हारे दरमियान मौजूद रहूंगा , मेरी बातों […]

धार्मिक

क़ुर्बानी के फज़ाइल व मसाइल (क़िस्त 3)

हदीस शरीफ़ हज़ूर सल्लल्लाहू तआला अलैही व सल्लम न इरशाद फ़रमाया:अफ़ज़ल क़ुर्बानी वो है जो बा एतबारे क़ीमत आला हो और खूब फ़रबा हो। (इमाम अहमद, बहारे शरीअत हिस्सा 15 सफ़ह 131) हदीस शरीफ़ इब्ने अब्बास रज़िअल्लाहू तआला अन्हुमा से रावीहुजूर ने रात में कुर्बानी करने से मना फ़रमाया। (तिब्रानी) हदीस शरीफ़ हुज़ूर सल्लल्लाहु तआला […]

धार्मिक

क़ुर्बानी के फज़ाइल व मसाइल (क़िस्त 2)

हदीस शरीफ़ इमाम मुस्लिम हज़रते आयशा सिद्दीक़ा रज़िअल्लाहू तआला अन्हा से रावी के हुज़ूर अलैहिस्सलाम ने हुक्म फ़रमाया किसींग वाला मेंढा लाया जाए जो स्याही में चलता हो और स्याही में बैठता हो और स्याही में नज़र करता हो यानी उसके पांव सियाह हों और पेट सियाह हो और आंखें सियाह हों वो कुर्बानी के […]

धार्मिक

क़ुर्बानी का फज़ाइल व मसाइल (क़िस्त 01)

मख़्सूस जानवर को मख़्सूस दिन में ब नियते तक़र्रुब ज़िबाह करना कुर्बानी है और कभी उस जानवर को भी अज़्हियह और कुर्बानी कहते हैं जो ज़िबह किया जाता है। कुर्बानी हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम की सुन्नत है जो इस उम्मत के लिए बाक़ी रखी गई और नबी ए करीम सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम को कुर्बानी करने […]

धार्मिक

माल व मनसब का लालच दीन के लिए नुकसान दह है

खलील अहमद फैज़ानी माल व मरतबा का हिर्स निहायत हीनुकसान दह है …इन दोनों की मोहब्बत दुनिया की मुहब्बत पैदा करती है और खालिक की इताअत से दूर करती है …हज़रत काअब बिन मालिक रदी अल्लहो ताआला अन्ह से रिवायत है रसुलुल्लाह सल्लाहो अलैहे वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया दो भुखे भेड़िए बकरियों के रेवड़ में […]

गोरखपुर मसाइल-ए-दीनीया

रोज़े की हालत में सर या दाढ़ी में मेंहदी लगा सकते हैं: उलमा-ए-किराम

गोरखपुर। उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्प लाइन नम्बरों पर रविवार को ईद की नमाज़, रोजा, जकात, सदका-ए-फित्र आदि के बारे में सवाल आते रहे। उलमा-ए-किराम ने शरीयत की रोशनी में जवाब दिया। सवाल : ईदगाह में दो बार ईद की नमाज पढ़ना कैसा है? (सैयद मतीन, सूर्य विहार कॉलोनी)जवाब : ईदगाह में एक मर्तबा […]

मसाइल-ए-दीनीया

सदक़तूल फ़ित्र ईद से पहले या ईद के बाद ?

सदकतुल फ़ित्र किस वक़्त वाज़िब है ? ۞۞۞ अल-जवाब ۞۞۞ ईद के दिन जिस वक़्त सुबह सादिक़-फ़जर का वक़्त आता है उसी वक़्त ये सदकतुल फ़ित्र वाजिब होता हे। अगर कोई फ़जर का वक़्त आने से पहले ही मर गया तो उस पर सदक़ा ए फ़ित्र वाजिब नहीं, उसके माल में से फ़ित्र नहीं दिया […]

धार्मिक

ईद-अल-फित्र

ईदुल फित्र रमज़ान की इबादत की तौफीक़ मिलने के शुक्रिए की है और ईदुल अज़्हा हज़रते इब्राहीम अलैहिस्सलाम व हज़रते इस्माईल अलैहिस्सलाम की कामियाबी के शुक्रिए की है‌।📚 दिलचस्प मालूमात हिस्सा 1 सफा न० 83 सन् 2 हिजरी में रमज़ानुल मुबारक के रोज़े फ़र्ज़ हुए और उसी साल हुज़ूर ﷺ सल्लल्लाहो अलैहि वआलेही वसल्लम ने […]