आज बाद नमाज़े जुम्आ़ पीरे तरीक़त नूरुल उ़ल्मा हज़रत अ़ल्लामा अल्हाज सय्यद नूरुल्लाह शाह बुखारी मद्द ज़िल्लहुल आ़ली के साथ इलाक़ा-ए-थार की मशहूर शख्सियत उस्ताजुल उ़ल्मा हज़रत अ़ल्लामा अल्हाज ताज मुहम्मद साहब क़िब्ला मुहतमिम:दारुल उ़लूम फैज़े ग़ौषिया खारची की मिजाज़ पुरसी व अ़यादत के लिए जाने का इत्तिफाक़ हुवा!
क़िब्ला पीर साहब के साथ आप के छोटे भाई मज्ज़ूब सिफत हज़रत सय्यद दावन शाह बुखारी, हज़रत मौलाना जमालुद्दीन साहब क़ादरी अनवारी,हज़रत मौलाना बाक़िर हुसैन साहब क़ादरी अनवारी,हज़रत मौलाना रोशनुल क़ादरी अनवारी व हज़रत क़ारी अरबाब अ़ली क़ादरी और फक़ीर राक़िमुल हुरूफ[मुहम्मद शमीम अहमद नूरी] ने दारुल उ़लूम फैज़े ग़ौषिया खारची में ताजुल उ़ल्मा हज़रत अ़ल्लामा व मौलाना ताज मुहम्मद साहब क़िब्ला से खुसूसी मुलाक़ात कर के मिज़ाज पुरसी करने के साथ हज़रत की शिफा याबी के लिए खुसूसी दुआ़ की!
अल्लाह तआ़ला हज़रत का साया-ए-आ़तिफत दराज़ से दराज़ तर फरमाए!
हज़रत ने नासाज़िए तबअ़ के बावजूद हम सभी लोगों के साथ आला अख्लाक़ का मुज़ाहरा फरमाया!
माशाअल्लाह!हज़रत इलाक़ा-ए-थार के क़दीम तरीन और बुज़ुर्ग तरीन आ़लिमे दीन हैं!
आप ने इस इलाक़े में बहुत ही अ़ज़ीमुश्शान दीनी व मिल्ली और तअ़लीमी खिदमात अंजाम दी है,यूं तो आप की खिदमात का दाइरा बहुत वसीअ़ है मगर मेरी मअ़लूमात के मुताबिक़ आप की अहम खिदमात में आप का अपने आबाई गांव में दारुल उ़लूम फैज़े ग़ौषिया के क़याम के साथ लड़कियों की दीनी तअ़लीम व तरबियत के लिए जामिआ़ गुलिस्ताने आइशा और फैज़े ग़ौषिया सीनियर सेकंडरी स्कूल के साथ ख्वाजा ग़रीब नवाज़ डिग्री कोलेज का क़याम और इन इदारों के लिए आप का पैहम जिद्दो जुहद है!
आप के क़ाइम करदा इदारा “दारुल उ़लूम फैज़े ग़ौषिया” के फारिग़ीन और आप के तलामज़ा कषीर तअ़दाद में राजस्थान के मुख्तलिफ इलाक़ों बिल्खुसूस इलाक़ा-ए-थार में फैले हुए हैं जो अपनी अपनी जगह दीन व सुन्नियत की खिदमात अंजाम दे रहे हैं!
अभी कुछ ही दिनों पहले जयपुर में आप के हार्ट का आप्रेशन हुवा है,और हाल ही में आप के बड़े साहबज़ादे हज़रत मौलाना अ़ब्दुल बाक़ी का अचानक विसाले पुर मुलाल हो गया था(अल्लाह तआ़ला मरहुम को जन्नतुल फिरदौस में आला से आला मक़ाम अ़ता फरमाए) …पैहम हवादिषात कि वजह से आप की तबिअ़त बिगड़ती गई,अल्लाह तआ़ला आप पर अपना खुसूसी फज़्ल फरमाए,और हर तह की आफात व बलिय्यात से महफूज़ फरमाए,और जुम्ला अमराज़ से शिफा-ए-कामिला व आ़जिला अ़ता फरमाए!
आमीन या रब्बल आ़लिमीन…
आप सभी हज़रात से हज़रत की शिबायाबी के लिए खुसूसी दुआ़ओं की दरख्वास्त है!
दुआ गो व दुआ़ जो: मुहम्मद शमीम अहमद नूरी मिस्बाही!
खादिम:दारुल उ़लूम अनवारे मुस्तफा सेहलाऊ शरीफ,बाड़मेर (राजस्थान)