गोरखपुर

गोरखपुर: शबे बराअत व होली पर अमन हर हाल में रहे कायम : उलेमा-ए-अहले सुन्नत

गोरखपुर। शबे बराअत पर्व को लेकर तंजीम उलेमा-ए-अहले सुन्नत की बैठक बुधवार को नार्मल स्थित दरगाह हज़रत मुबारक खां शहीद में हुई। कुरआन-ए-पाक से बैठक का आगाज़ हुआ।

उलेमा-ए-किराम ने कहा कि रविवार 28 मार्च को शबे बराअत है। इसी रात होलिका दहन व अगले दिन होली है। जहाँ हम वतन भाई होली मनाएंगे वहीं हम इस्लामी भाई रात में जागकर अल्लाह की इबादत करेंगे और दिन में रोज़ा रखेंगे। इस दिन मुसलमान कब्रिस्तान जाकर अपने पूर्वजों की कब्रों पर फातिहा पढ़ते हैं। वहीं दरगाहों, खानकाहों में हाज़री देने जाते हैं। मस्जिदों में रातभर जागकर अल्लाह की इबादत करते हैं।

मुफ्ती अख्तर हुसैन मन्नानी (मुफ्ती-ए-शहर) व दरगाह इमाम कारी अफ़ज़ल बरकाती ने कहा कि पहले भी कई ऐसे मौके आये हैं जिसमें होली और रमज़ान साथ-साथ पड़े लेकिन शहर की अमन पसन्द अवाम, उलेमा-ए-किराम और जिला प्रशासन की सूझबूझ से सभी पर्व शांति के साथ सम्पन करा लिए गए। हमारे मुल्क की पहचान भी यही रही है। दोनों मज़हब के लोग अपने-अपने पर्व आपसी भाईचारे के साथ प्यार मोहब्बत का पैगाम देते हुए मनाएं। कही किसी से छोटी मोटी गलती हो जाए तो तूल देने के बाजए उसे नज़रअंदाज़ करें। ऐसे खुराफाती तत्व जो समाज में ज़हर घोलने का काम कर रहे हैं उनसे होशियार रहें। वहीं जिला प्रशासन से सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम रखने की मांग करते हुए कहा कि मिलीजुली आबादी में पुलिस की चाक चौकन्द व्यवस्था की जाए ताकी अमन बरकरार रहे। मुस्लिम नौजवान आतिशबाजी बिल्कुल न करें। मां-बाप बच्चों को आतिशबाजी करने से रोकें। युवा बाइक स्टंट भी न करें। देर रात तक बाहर न घूमें। घर व मस्जिद में रहकर इबादत व तिलावत करें। अगले दिन का रोजा रखें। खुराफाती काम न किया जाए। शबे बराअत इबादत की रात है न कि घूमने फिरने व गपशप करने की रात। जरूरतमंदों की मदद करें। गरीबों को खाना खिलाएं। प्यार बांटें।

बैठक में मुफ्ती खुश मोहम्मद मिस्बाही, कारी बदरे आलम निज़ामी, कारी शराफत हुसैन कादरी, कारी निज़ामुद्दीन मिस्बाही, मौलाना जहांगीर अहमद अज़ीज़ी, मौलाना रजिउल्लाह मिस्बाही, हाफिज खुर्शीद आदि मौजूद रहे।

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