बरेली

उर्स-ए-रज़वी में उठने वाले मुद्दों का एजेंडा तय, दरगाह प्रमुख व सज्जादानशीन ने जारी किए अहम मुद्दे

  • विश्व भर के उलेमा व सज्जादगान इस्लाम और शान्तिवाद व मानवतावाद जैसे मुद्दों पर करेगें तक़रीरे।
  • समाज सुधार,आपसी सौहार्द,देश में बढ़ती हिन्दू -मुस्लिम दूरी के ख़ात्मे पर रहेगा विशेष फोकस।

बरेली शरीफ।
इस बार इस्लामिया मैदान में आयोजित होने वाले 104 वें उर्स-ए-रज़वी में दुनियाभर से आने वाले उलेमा व वक्ताओं को तकरीर करने के लिए विशेष टाॅपिक दिए जा रहे हैं। दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हानी रज़ा खान (सुब्हानी मियां) व सज्जादानशीन हज़रत मुफ्ती अहसन मियाॅ ने मदरसा मंजरे इस्लाम के उलेमा,शिक्षकों व तहरीके तहफ़्फ़ुज़ ए सुन्नियत (टी.टी.एस) के जिम्मेदारों के साथ उर्से रज़वी की तैयारियों व रूपरेखा को लेकर मुशावरती बैठक की।
मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि इस बार देश विदेश के सुन्नी,सूफी,खानकाही,बरेलवी मुसलमानों तक उर्से रजवी के स्टेज से खास पैगाम दिया जाएगा। उलेमा की तकरीरों के लिए विषय तय किये गए। इस संबंध में *मंजरे इस्लाम के वरिष्ठ शिक्षक मुफ्ती मोहम्मद सलीम बरेलवी ने बताया कि इस समय देश में फैली सामाजिक बुराइयों जैसे नशाखोरी,जुआ,महिलाओं के साथ होने वाली ज़ुल्म व ज़्यादती,बढ़ती दुष्कर्म की घटनाएं,सूद का कारोबार,आपसी लड़ाई झगड़े और हत्याए,शिक्षा के क्षेत्र में मुसलमानों का पिछड़ापन,शादियों में फुजूलखर्ची, निकाह व तलाक,भारतीय कोर्ट-कचहरी में बढ़ते मुकदमों की संख्या के मद्देनजर अपने छोटे-मोटे मसलों को घरों में निपटाने जैसे अहम मुद्दों के अलावा देशवासियों के बीच जो लोग नफरत फैलाने का एजेंडा चला रहे हैं उनके विरुद्ध अमन पसंद हिन्दू-मुस्लिम देश प्रेमियों का देश के कोने कोने में गठजोड बनाने के लिए अभियान चलाने की अपील व आह्वान उर्स-ए-रजवी के स्टेज से उलेमा करेंगे।* इस के साथ ही सोशल मीडिया पर भडकाउ,आपत्तिजनक,भावनाओ को आहत करने व देश व दुनिया के अमन-चैन और शान्ति को प्रभावित करने वाली गैर कानूनी सामग्री को अपलोड व फारवर्ड करने से बचने और सोशल मीडिया के उपयोग में सावधानी बरतने की भी उलमा अपीले करेंगे। देश-विदेश में मसलके आला हज़रत को मजबूत करने,जन-जन तक आला हज़रत की विचार धारा को पहुंचाने भी जोर दिया जाएगा। चंद सिरफिरे लोग दूसरों के बहकावे में आकर मारकाट कर दुनिया में इस्लाम को बदनाम कर रहे हैं या इस्लाम विरोधी शक्तियाँ इस्लाम व मुसलमानों के विरुद्ध उन्हे और उनके मजहब को बदनाम करने का अभियान चलाकर छवि ख़राब कर रही है, इसकी रोक थाम के लिए उर्से रज़वी में आने वाले उलेमा और मुफ़्तियाने किराम से यह अपील की जायेगी कि वह अपने-अपने इलाको मे इस्लाम की अमन व शान्ति वाली शिक्षा और उसके शान्तिवाद वाले चहरे को जन-जन के सामने लाने का प्रयास करें। भारत के पड़ोसी देशों खासकर नेपाल देश से अच्छे रिश्ते बनाने और वहां मसलके आला हज़रत के फरोग व प्रसार की कोशिश करें।
इस मौके पर मौलाना ज़ाहिद रज़ा, हाजी जावेद खान,शाहिद नूरी,औररंगज़ेब नूरी,अजमल नूरी,परवेज़ नूरी,ताहिर अल्वी,मंज़ूर खान,आसिफ रज़ा,शान रज़ा,खलील क़ादरी,शाद रज़ा, मुजाहिद बेग,आलेनबी,इशरत नूरी,सुहैल रज़ा, साकिब रज़ा,यूनुस गद्दी,साजिद नूरी,तारिक सईद,ज़हीर अहमद आदि लोग शामिल रहे।

नासिर कुरैशी
मीडिया प्रभारी
9897556434

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