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अबू शहमा अंसारी
बाराबंकी : सरयू नदी में जलस्तर शुक्रवार की दोपहर बाद से फिर बढ़ने लगा। शाम छह बजे तक जलस्तर खतरे के निशान 106.070 मीटर के निकट 106.026 मीटर तक पहुंच गया। शारदा व गिरजा बैराज से तीन लाख 20 हजार क्यूसेक पानी शुक्रवार को और छोड़ा गया है। यह पानी शनिवार की दोपहर बाद तक जिले की परिधि में पहुंचने के बाद जलस्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है। अधिशाषी अभियंता बाढ़ कार्य खंड शशिकांत सिंह ने जलस्तर बढ़ने की जानकारी देते हुए बताया कि तटवर्ती गांवों में जलस्तर बढ़ने के बारे में सूचित किया जा चुका है। हालांकि, अभी हालात सामान्य हैं। खतरे जैसी कोई बात नहीं हैं। सूरतगंज ब्लाक के पर्वतपुर व सुमिरनपुरवा के पास कटान रोकने के लिए पेड़ों की डालियां डलवाई गई थीं। जलस्तर बढ़ने पर कटान रुकी है। शनिवार को शासन स्तर से भी कोई अधिकारी बाढ़ क्षेत्र का भ्रमण पर आ सकते हैं। तीन तहसीलों के पांच गांव होंगे प्रभावित : सरयू नदी में बाढ़ का पानी खतरे के निशान 106.070 से आधा मीटर भी ऊपर पहुंचता है तो रामनगर, सिरौलीगौसपुर, रामसनेहीघाट तहसील के करीब 50 गांव प्रभावित होंगे। दो दर्जन से ज्यादा गांवों के लोगों को गांव छोड़ना पड़ सकता है। पिछले वर्ष जलस्तर 106.600 मीटर तक पहुंचने के बाद सिरौलीगौसपुर क्षेत्र के ग्राम कहारनपुरवा मजरे सनावा व आसपास के गांवों तक पानी भर गया था। आवागमन के रास्ते बंद हो गए थे। कहारनपुरवा में कटान भी खूब हुई थी। सनावा के निकट अलीनगर-रानीमऊ तटबंध पर 52 परिवार करीब एक माह तक रहने को विवश हुए थे। नदी के दूसरे छोर पर स्थित मांझारायपुर, बेहटा व चरपुरवा के लोगों को भी एल्गिनब्रिज-चरसड़ी तटबंध पर शरण लेनी पड़ी थी। रामनगर क्षेत्र में कचनापुर, सुंदरनगर, कोडरी, नयापुरवा, नई आबादी केदारीपुर, बेलहरी, बबुरीगांव मजरे सरसंडा गांव भी बाढ़ से प्रभावित हुए थे। रामसनेहीघाट तहसील के ग्राम कोयलावर, ढेमा, टिकरी, गुनौली, जलालपुर तराई, गैर आबाद गांव काठा डीह व मल्दहा आदि में पानी भर गया था।