उत्तर प्रदेश के लखनऊ में लुलु मॉल खुल चुका है। यह लखनऊ का सबसे बड़ा मॉल है, जो देश के सबसे बड़े शॉपिंग मॉल्स में से एक है।
लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि एक भारतीय यूसुफ अली की ही ये कंपनी है। वह 1973 में अबूधाबी चले गए थे और अब यूएई (UAE) की ही नागरिकता हासिल कर चुके हैं।
यूसुफ अली, जो केरल के त्रिशूर जिले के नाट्टिका के रहने वाले हैं। उनका जन्म 15 नवंबर 1955 को हुआ था। यूसुफ अली की 3 बेटियां हैं और उनका पूरा परिवार अबू धाबी में रहता है।
फोर्ब्स मिडिल ईस्ट ने अरब वर्ल्ड 2018 में यूसुफ अली को टॉप-100 भारतीय बिजनसमैन में पहली रैंक दी थी।
बड़े दिलवाले हैं यूसुफ अली
यूसुफ अली सिर्फ एक बड़े बिजनसमैन ही नहीं हैं, बल्कि एक बड़े दिल वाले शख्स भी हैं।
गुजरात के भूकंप से लेकर सुनामी और बाढ़ तक में उन्होंने ढेर सारे पैसे डोनेट किए हैं।
उन्होंने अगस्त 2018 में केरल बाढ़ के पीड़ितों को फिर से बसाने के लिए करीब 9.5 करोड़ रुपयों की मदद मुहैया कराई थी। वह देश के बाकी हिस्सों में भी जगह-जगह मदद के लिए पैसे दान देते है।
11 एकड़ में 2 हजार करोड़ रुपये से बना है ये लखनऊ का लूलू मॉल
दुनियाभर में 57 हजार कर्मचारी हैं लुलु ग्रुप में।
लुलु ग्रुप का सालाना टर्नओवर 8 अरब डॉलर का है।
अबू धाबी में ही लुलु ग्रुप का मुख्यालय है। इस ग्रुप का बिजनस मध्य पूर्व, एशिया, अमेरिका और यूरोप समेत 22 देशों में है।
युसूफ अली को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सरकार पद्मश्री सम्मान से सम्मानित कर चुकी है। इसके अलावे भी उन्हें भारत के अलग-अलग राज्यों में कई अवार्ड्स से सम्मनित किया गया है।
जहाँ हमारे देश के कुछ लोग (भगौड़े) देश का पैसा लेकर विदेश भाग गए वही यूसुफ अली ने अपने देश में अपना कारोबार जमाया है, हालांकि अब उनके पास भारतिय नागरिकता नहीं है लेकिन जन्मस्थान तो भारत ही है।
लेख: अमित कुमार