गोरखपुर। रविवार को मदरसा जामिया नुसरतुल बनात (निस्वां) चक्शा हुसैन हुसैनाबाद में सालाना जलसा ‘हज़रत जैनब’ के नाम से हुआ। जिसमें छात्राएं हसीना खातून, आंखें नूर, हफीजुन्निसा, निसा खातून, शहर बानो, रुबीना खातून को आलिमा व कारिया (महिला मुस्लिम धर्मगुरु) की उपाधि प्रदान की गई। महिला धर्मगुरुओं आलिमा रुबीना खातून, अफरोज जहां, नूर सबा, शाहिदा खातून आदि ने छात्राओं की दस्तारबंदी कर दुआओं से नवाज़ा।
शाम की नमाज़ के बाद ‘ख़त्मे बुख़ारी शरीफ़’ का कार्यक्रम हुआ। पुरुषों का जलसा हुआ। जिसमें पीरे तरीकत सैयद अब्दुर्रब ‘चांद बाबू’ व मौलाना सुल्तान रज़ा ने खिताब किया। कहा कि मुसलमान क़ुरआन व हदीस की तालीम के मुताबिक ज़िंदगी गुजारें। मुसलमान तालीम पर ज्यादा ध्यान दें। तालीम के बगैर कोई भी इंसान व कौम तरक्की नहीं कर सकती है। मुसलमानों ने विज्ञान के हर क्षेत्र में अपनी अज़ीम खिदमतों को अंज़ाम दिया है और विज्ञान को मजबूती प्रदान की है। मुसलमानों के लिए ज्ञान के क्या मायने हैं, उसे क़ुरआन-ए-पाक ने अपनी पहली ही आयत में स्पष्ट कर दिया है। अतीत में मुसलमानों ने उसी आयत-ए-करीमा का पालन करते हुए वह स्थान प्राप्त कर लिया था जिसके बारे में आज कोई सोच भी नहीं सकता है।
उन्होंने क़ुरआन व हदीस पढ़ने उसके अर्थ को समझने की अपील करते हुए पैगंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से ताल्लुक जोड़ने की बात कही। अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी गई। मदरसे के प्रबंधक मोहम्मद रमज़ान कादरी ने सभी का शुक्रिया अदा किया।