गोरखपुर

ईद-उल-फित्र आज, चांद रात में दिखा ख़ुशियों का शमां

गोरखपुर। सोमवार को माह-ए-रमज़ान का 30वां रोज़ा पूरा हो गया। ईद का पर्व मंगलवार को उत्साह के साथ मनाया जाएगा। ईदगाहों व मस्जिदों में ईद-उल-फित्र की नमाज़ की तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। सुबह 6:45 से 10:30 बजे तक ईद-उल-फित्र की नमाज़ सभी ईदगाहों व मस्जिदों में परंपरा के अनुसार अदा की जाएगी। नमाज़ के बाद मुस्लिम समुदाय अपने पूर्वजों की कब्रों पर फातिहा भी पढ़ेंगे।

सोमवार को चांद के औपचारिक ऐलान के बाद लोगों ने एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद देनी शुरू की। लोगों ने मुबारकबाद पेश करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा भी लिया।

मस्जिदों में एतिकाफ में बैठे लोगों ने अपना एतिकाफ मुकम्मल कर अल्लाह का शुक्र अदा किया। मर्दों ने बाज़ार का रूख किया वहीं औरतें घर को सजाने-सवांरने में जुट गईं।

रेती रोड, शाह मारूफ, घंटाघर, जाफ़रा बाज़ार, गोरखनाथ, रसूलपुर, बक्शीपुर, नखास, उर्दू बाज़ार आदि क्षेत्रों में रात भर लोग सामान खरीदते दिखाई पड़े। रात के साथ ही साथ बाजारों की रौनक भी बढ़ती जा रही थी। सबसे ज्यादा भीड़ सड़क की दोनों ओर पटरी पर लगे अस्थाई दुकानों पर थी। रात के साथ सामानों की कीमत भी कम होती जा रही थी। चांद रात होने के कारण भीड़ होना लाज़िमी था। मर्द कुर्ता-पायजामा, इत्र, टोपी, रूमाल, जींस, शर्ट, चप्पल और इत्र खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे थे, वहीं औरतें कप प्लेट, चूड़ी, ब्रेसलेट और नेल पालिश खरीदने में मसरुफ़ थी।

यूं तो रमज़ान शुरु होने के साथ ही खरीदारी होने लगती है मगर चांद रात को जाकर ही खरीदारी पूरी होती है। चूड़ियों और मेंहदी के बिना ईद की ख़ुशी अधूरी है। रंगबिरंगी चूड़ियां हमेशा से ही औरतों को लुभाती रही हैं। यही वजह है कि इन अस्थायी बाज़ारों में सबसे ज्यादा दुकानें चूड़ियों की लगी थी। भीड़ का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि रेती रोड से लेकर मदीना मस्जिद तक पैर रखने तक की जगह न थी। कमोबेेश यही हालात जाफ़रा बाज़ार और गोरखनाथ क्षेत्र के भी थे। लोगों को जहां अपने पसंद का सामन खरीदने की जल्दी थी, वहीं सड़क पर सामान बेच रहे दुकानदार भी अपना सामान औने पौने दाम में बेचकर घर जाने की फिराक में थे। भीड़ को देखते हुए सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किए गए थे। दो साल बाद ईद को लेकर लोगाें का उत्साह देखते ही बन रहा था।

रात की इशा की नमाज़ के बाद लोगों का हुजूम गोश्त की दुकानों पर उमड़ पड़ा। चिकन की दुकान हो या मटन की दुकान सभी पर देर रात तक लोगों की कतारें नज़र आईं। हालांकि मौके का फायदा उठाकर ज्यादातर दुकानदारों ने गोश्त की कीमत बढ़ा दी थी।

सेवईयों व खोवा की दुकानों पर काफी भीड़ रही। मेवों की भी जमकर बिक्री हुई। मुस्लिम बाहुल रहमतनगर, तुर्कमानपुर, रसूलपुर, गाजी रौजा, उर्दू बाज़ार, चक्शा हुसैन, गोरखनाथ, जाफ़रा बाज़ार, मियां बाजार आदि मोहल्लों में जश्न का माहौल नज़र आया। कुछ जगह पटाखे भी फोड़े गए। कुछ मोहल्लों को रंग बिरंगी झंडियों से सजाया जाने लगा। मालिके निसाब ग़रीबों में जकात व फित्रा भी पहुंचाते दिखे। सारी रात जश्न का माहौल रहा। पूरी रात रतजगे में बीती। वहीं चांद रात में इबादत भी खूब हुई।

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