गोरखपुर। मुकद्दस रमज़ान रुख़सत होने वाला है। मस्जिदों में अलविदा जुमा की तैयारियां पूरी हो गई हैं। मस्जिदों की साफ सफाई जारी है। अलविदा जुमा में भारी भीड़ उमड़ने के मद्देनज़र मस्जिद कमेटियों ने दरी, चटाई, शामियाना व वुजू के लिए पानी का इंतजाम किया है। शुक्रवार को शहर व देहात अंचल की तमाम मस्जिदों में रमज़ान के अंतिम जुमा की नमाज़ दोपहर 12:30 से 2:30 बजे तक अदा की जाएगी। मस्जिदों में तकरीर और अलविदाई खुतबा होगा। इसके बाद मुस्लिम समाज के लोग दो रकात जुमा की फ़र्ज़ नमाज़ अदा कर दुआ मांगेंगे।
गुरुवार को 26वां रोज़ा अल्लाह की इबादत में गुजर गया। रमज़ान के बचे रोजों में अल्लाह के बंदों की इबादत बढ़ गई है। बंदों की इबादत में कोई कमी नहीं है। सुबह शाम कुरआन शरीफ़ की तिलावत का दौर जारी है। बंदे अपनी गुनाहों की माफ़ी मांग रहे है। तरावीह की नमाज़ पढ़ी जा रही है। शबे कद्र की चौथी ताक रात में लोगों ने खूब इबादत की। जमकर दुआ मांगी।
मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक के इमाम मुफ्ती मेराज अहमद क़ादरी ने बताया कि रमज़ान महीने के आख़िरी जुमा को अलविदा या जुमा तुल विदा भी कहते हैं। यूं तो इस माह के हर दिन की अहमियत है, लेकिन जुमा को और दिनों का सरदार कहा जाता है इसलिए इसकी अहमियत और बढ़ जाती है। इसे छोटी ईद या हफ्ते की ईद भी कहा जाता है।
नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर के इमाम मौलाना मोहम्मद असलम रज़वी ने बताया कि रमज़ान के आख़िरी जुमा की नमाज़ से रमज़ान के समापन का संदेश मिलता है। रहमत भरा महीना जाने के गम में अलविदा-अलविदा माहे रमज़ान अलविदा कहा जाता है। ईद के आने की ख़ुशी जहां लोगों में होती है, वहीं इस रहमत भरे महीने के जाने का ग़म भी होता है।
गौसिया जामा मस्जिद छोटे क़ाज़ीपुर के इमाम मौलाना मोहम्मद अहमद निज़ामी ने बताया कि अलविदा के माने रुख़सत करना है। अलविदा रमज़ान के आख़िरी जुमा को कहते है, इसके बाद रमज़ान में कोई दूसरा जुमा नहीं आता है, इसलिए अलविदा कहा जाता है। ग़रीबों, यतीमों, फकीरों की जकात व फित्रा से मदद करें। ईद की रात को गफलत में न गुजारें बल्कि इबादत करें। बुराई से दूर रहे हैं। शबे कद्र की बची ताक रात में खूब इबादत करें।
बेलाल मस्जिद इमामबाड़ा अलहदादपुर के इमाम कारी शराफत हुसैन क़ादरी ने बताया कि पैग़ंबर-ए-आज़म हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि जब रमज़ान की आख़िरी रात आती है तो ज़मीन व अासमान और फरिश्ते मेरी उम्मत की मुसीबत को याद करके रोते हैं। अर्ज किया गया या रसूलल्लाह कौन सी मुसीबत? फरमाया रमज़ान का रुख़सत होना, क्योंकि इसमें सदकात और दुआओं को कबूल किया जाता है। नेकियों का अज्र व सवाब बढ़ा दिया जाता है। अजाबे दोजख दूर किया जाता है तो रमज़ानुल मुबारक की जुदाई से बढ़कर मेरी उम्मत के लिए और कौन सी मुसीबत हो सकती है। हमें अल्लाह के हुक्म के मुताबिक ज़िंदगी गुजारनी चाहिए।
अलविदा जुमा : मस्जिदों में जुमा की नमाज़ का समय (दोपहर)
- हज्जिन बीबी जामा मस्जिद धर्मशाला बाजार, मस्जिद बेलाल आस्ताना कंकड़ शाह निकट रेल म्यूजियम, अकबरी जामा मस्जिद अहमदनगर : 12:35 बजे
- गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर, मस्जिद अहले बैत पुराना गोरखपुर इमामबाड़ा गोरखनाथ : 12:40 बजे
- शाही मस्जिद बसंतपुर सराय, बेलाल जामा मस्जिद रसूलपुर भट्टा, नूरानी मस्जिद कामरेडनगर रसूलपुर, लाल जामा मस्जिद गोलघर पुर्दिलपुर, मस्जिद औलाद अली बक्शीपुर निकट डा. मल्ल, हज़रत मुबारक खां शहीद मस्जिद नार्मल, नूरी जामा मस्जिद अहमदनगर चक्शा हुसैन, कादरिया मस्जिद नखास चौक कोतवाली के पास, सुप्पन खां की मस्जिद (कुरैशिया) खूनीपुर, बरकातिया मस्जिद मिर्जापुर : 12:45 बजे
- मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक, रसूलपुर जामा मस्जिद, हज़रत मुकीम शाह मस्जिद बुलाकीपुर, काजी जी की मस्जिद इस्माईलपुर, नूरानी जामा मस्जिद हुमायूंपुर तरंग क्रासिंग, मस्जिद ताज तारामंडल, जामा मस्जिद रसूलपुर, मस्जिद शेख झांऊ साहबगंज, बेलाल मस्जिद इमामबाड़ा अलहदादपुर : 1:00 बजे
- सुब्हानिया जामा मस्जिद सूर्यविहार तकिया कवलदह: 1:15 बजे
- मक्का मस्जिद मेवातीपुर : 1:20 बजे
- गाजी मस्जिद गाजी रौजा, मस्जिद ज़ामे नूर बहादुर शाह जफ़र कॉलोनी बहरामपुर, बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर, सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाज़ार, जामा मस्जिद उर्दू बाजार, मस्जिद खादिम हुसैन तिवारीपुर : 1:30 बजे
- नूरी मस्जिद तुर्कमानपुर : 1:35 बजे
- रज़ा मस्जिद कसाई टोला जाफ़रा बाज़ार : 1:45 बजे
- चिश्तिया मस्जिद रफूगर बक्शीपुर : 2:10 बजे
- सुन्नी जामा मस्जिद सौदागर मोहल्ला बसंतपुर : 2:30 बजे