गोरखपुर। उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर गुरुवार को सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए। उलमा-ए-किराम ने क़ुरआन व हदीस की रोशनी में जवाब दिया। इन नम्बरों पर आप भी सवाल कर जवाब हासिल कर सकते हैं 9956971232, 8604887862, 9598348521, 73880 95737, 82493 33347, 8896678117, 8563077292, 9956049501, 9956971041, 77549 59739, 9555591541
- सवाल : अगर किसी वजह से 20 रमज़ान को एतिकाफ में नहीं बैठा तो क्या 21 तारीख़ से बैठ सकता है? (सैयद मेहताब अनवर, खूनीपुर)
जवाब : नहीं। रमज़ान की 20 तारीख़ को सूरज डूबने से पहले मोअतकिफ (एतिकाफ करने वाले) के लिए जरूरी है कि मस्जिद में पहुंच जाए। अगर कोई 21 को बैठेगा तो सुन्नत एतिकाफ अदा नहीं होगा। (मुफ्ती अख़्तर हुसैन मन्नानी)
- रोज़े की हालत में अगर खांसते समय मुंह से ब्लड या बलगम आ जाए तो क्या हुक्म है? (महताब आलम, तकिया कवलदह)
जवाब : रोज़ा नहीं टूटेगा। बल्कि वुजू भी नहीं टूटेगा। (मुफ्ती मो. अजहर शम्सी)