गोरखपुर मसाइल-ए-दीनीया

बाप अपनी बेटी को जकात नहीं दे सकता है: उलमा-ए-किराम

गोरखपुर। उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्प लाइन नंबरों पर शनिवार को सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए। उलमा-ए-किराम ने क़ुरआन व हदीस की रोशनी में जवाब दिया।

सवाल : रोज़े की हालत में दांत उखड़वाना कैसा? (सना, लखनऊ)
जवाब : रोज़े की हालत में दांत नहीं उखड़वाना चाहिए कि अगर दांत उखड़वाने में खून निकला और हलक से नीचे उतर गया तो रोज़ा टूट जाएगा। (मुफ्ती मेराज अहमद क़ादरी)

सवाल : क्या मुंह में कोई रंगीन चीज या धागा रखने से रोज़ा टूट जाएगा? (मुनाजिर, गोरखनाथ)
जवाब : मुंह में कोई रंगीन चीज या धागा रखा जिससे थूक रंगीन हो गया और उसे घोंट लिया तो रोज़ा टूट जाएगा। (मौलाना बदरे आलम निज़ामी)

सवाल : क्या बाप अपनी बेटी को जकात दे सकता है? (अफसाना, गोरखनाथ)
जवाब: नहीं। अगर बेटी और दामाद सख्त जरूरतमंद हों तो दामाद को जकात दे सकते हैं फिर वो अपनी बीवी की ज़रूरियात में ख़र्च करे। (मुफ्ती अख़्तर हुसैन मन्नानी)

सवाल : सदका-ए-फित्र किस पर वाजिब है? (सैयद मोहम्मद ओसामा, घोसीपुर)
जवाब: हर मालिके निसाब पर अपने और अपनी नाबालिग औलाद की तरफ से सदका-ए-फित्र देना वाजिब है। (कारी मोहम्मद अनस रज़वी)

सवाल : रोजे की हालत में केमिकल वाली मिसवाक करना कैसा? (अमन, बसंतपुर)
जवाब : अगर केमिकल वाली मिसवाक का मज़ा (टेस्ट) मुंह में महसूस न हो तो जायज है, और अगर इसका मजा महसूस होता हो तो रोज़े की हालत में ऐसी मिसवाक करने से बचना चाहिए। (हाफ़िज़ रहमत अली निज़ामी)

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