हज़रते सय्यिदुना वासिला बिन अस्क़अ رَضِیَ اللّٰہُ تَعَالٰی عَنْہ से रिवायत है कि हुज़ूर नबिय्ये अकरम , शफ़ीए मुअज़्ज़म صَلَّی اللہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने हमें इरशाद फ़रमाया : तुम अपने मुर्दों के पास हाज़िर रहो और उन को لا إِلَهَ إِلَّا الله की तल्क़ीन किया करो और जन्नत की बिशारत दिया करो क्योंकि इस अखाड़े में हर बुर्दबार मर्द व औरत हैरत में मुब्तला होता है। उस ज़ात की क़सम जिस के दस्ते क़ुदरत में मेरी जान है ! मौत के फ़िरिश्ते को देखना तल्वार के हज़ार वार से सख़्त तर है । उस ज़ात की क़सम जिस के दस्ते क़ुदरत में मेरी जान है ! जब कोई मरता है तो उसकी हर हर रग अलग अलग तकलीफ़ में मुब्तला होती है ।
(हिल्यातुल औलिया , मकहूल शामी, 5/211 , हदीस : 6868)
हज़रते सय्यिदुना तुअमा बिन ग़ैलान जोफ़ी رَحْمَۃُ اللہِ تَعَالٰی عَلَیْہِ रिवायत करते हैं कि हुज़ूर सरवरे आलम صَلَّی اللہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने दुआ की:
اللَّهمَّ إنَّكَ تأخذُ الرُّوحَ من بينِ العَصبِ والقَصبِ والأَناملِ اللَّهمَّ فأعنِّي على الموتِ وهوِّنهُ علَيَّ
यानी ऐ अल्लाह ﷻ ! तू पठ्ठों , रगों और पोरों के दरमियान से रूह़ निकालता है , ऐ अल्लाह ﷻ ! मौत पर मेरी मदद फ़रमा और उसे मुझ पर आसान फ़रमा ।
(मोससा इब्ने अबि दुनिया , किताब ज़िक्रुल मौत , बाब ख़ौफ़ मिनल्लाह , 5/452 , हदीस : 189)
तलवार के हज़ार वार से ज़ियादा सख़्त
हज़रते सय्यिदुना अत़ा बिन यसार رَحْمَۃُ اللہِ تَعَالٰی عَلَیْہِ रिवायत करते हैं कि सरकारे नामदार , मदीने के ताजदार صَلَّی اللہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने इरशाद फ़रमाया :
मौत के फ़िरिश्ते का मुआमला तलवार के हज़ार वार से ज़्यादा शदीद है और कोई भी मोमिन जब मरता है तो उसकी हर रग अलाहिदा अलाहिदा तकलीफ़ में मुब्तला होती है और अल्लाह ﷻ का दुश्मन (शैतान) उस वक़्त बंदे के क़रीब तर होता है ।
(हिल्यातुल औलिया , अब्दुल अज़ीज़ बिन अबि दाऊद , 8/218 , हदीस ; 11934)
हज़रते सय्यिदुना उबैद बिन उमैर رَحْمَۃُ اللہِ تَعَالٰی عَلَیْہِ रिवायत करते हैं कि हुज़ूर नबिय्ये करीम , रऊफ़ुर्रह़ीम صَلَّی اللہُ تَعَالٰی عَلَیْہِ وَاٰلِہٖ وَسَلَّمَ ने एक मरीज़ की इयादत की तो इरशाद फ़रमाया ; उस की हर रग तकलीफ़ में मुब्तला थी , उस के पास उस के रब की तरफ़ से एक आने वाले आ कर ख़ुश ख़बरी दी कि इसके बाद कोई तकलीफ़ नहीं।
(शरहुस्सुदूर, सफा 90)
लेखक: मोहम्मद उमैर अत्तारी
मुदरिस जामेअतुल मदीना फ़ैज़ाने ग़ौसे पाक , कराची