लेखक: अब्दुल्लाह रज़वी क़ादरी, मुरादाबाद यूपी भारत
बाबुल हुलिया यानी ज़ेवर, गहने का बयान 2
3️⃣ सवाल—– कांच की चूड़ियां औरतों के लिए जाइज़ हैं या नाजाइज़,
3️⃣ जवाब—– कांच की चूड़ियां औरतों के लिए जाइज़ हैं, इसलिए के उस के बारे में शरअ में कोई मुमानअ्त नहीं,
फ़तावा रज़वियह शरीफ़ में है,
जाइज़ हैं,
لعدامنع الشرعى،،
बल्कि शौहर के लिए सिंगार की नियत से मुस्तहब है,
وانماالاعمال بالنيات،،
बल्कि शौहर या मां-बाप का हुक्म हो तो वाजिब,
لحرمةالعقوق ولوجوب طاعةالزوج فيما يرجع الى الزوجية،،
📘 ج.٩، ص ٢٣٥, نصف اول)
4️⃣ सवाल—– क्या घुंगरू वाले पाज़ेब (पायल) औरतों के लिए जाइज़ हैं,
4️⃣ जवाब—– औरतों के लिए घुंगरू वाले पाज़ेब पहनना हराम व नाजाइज़ है, हदीस शरीफ़ में है,
हजरत अब्दुल्लाह बिन ज़ुबैर रज़िअल्लाहु तआला अन्ह से रिवायत है कि हमारे यहां की लड़की हज़रत ज़ुबैर (रज़िअल्लाहु तआला अन्ह) की लड़की को हज़रत उमर रज़िअल्लाहु तआला अन्ह के पास लाई और उसके पांव में घुंगरू थे तो हज़रत उमर ने काट दिया और फ़रमाया कि मैंने रसूलल्लाह सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम से सुना है कि हर घुंगरू में शैतान होता है,
📓 मिश्कात सफ़ह 379,
और हजरत बनानह जो कि हज़रत अब्दुर्रहमान बिन हयानुल अंसारी की बांदी हैं रिवायत करती हैं कि वह हजरत आयशा रज़िअल्लाहु तआला अन्हा के पास थीं,
के हज़रत आयशा रज़िअल्लाहु तआला अन्हा के पास एक लड़की आई जिसके पांव में घुंगरू बज रहे थे फ़रमाया के उसे मेरे पास ना लाना जब तक के उसके घुंगरू काट ना देना मैंने रसूलल्लाह सल्लल्लाहू तआला अलैही वसल्लम से सुना है कि जिस घर में जर्स से यानी घंटी या घुंगरू होते हैं उसमें फ़रिश्ते नहीं आते,
📚 अल मरजाउस्साबिक़,
📘 अबू दाऊद बाबुल ख़ातिम,
लिहाज़ा घुंगरू वाले पाज़ेब वगैरह को पहनने और पहनाने से बचना चाहिए वरना बाइसे मेहरूमी ए रहमत व बरकत होगी और मज़ीद गुनाह भी मिलेगा,
📔 औरतों के जदीद और अहम मसाइल, सफ़ह 24–25)