मुंबई

हिजाब पर प्रतिबंध, संविधान में दी गई व्यक्तिगत स्वतंत्रता के खिलाफ: अल्हाज सईद नूरी

बरेली शरीफ/10 फरवरी: कर्नाटक के स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पर प्रतिबंध का मुद्दा न्यायपालिका में विचाराधीन है। हालांकि हिजाब पर प्रतिबंध लगाना धर्म में हस्तक्षेप है, जबकि भारत का संविधान प्रत्येक नागरिक को व्यक्तिगत और धार्मिक स्वतंत्रता और अपनी इच्छानुसार जीने का अधिकार देता है। इसलिए इस तरह का कोई भी निर्णय, चाहे वह स्कूल-कॉलेज प्रशासन या किसी भी सरकारी अदारे का हो, इसे पूरी तरह से खारिज किया जाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि तहफ्फुज ए नामूस ए रिसालत के विषय पर उर्स ख्वाजा गरीब नवाज़ अजमेर शरीफ में आयोजित “शांति सम्मेलन” में भाग लेने के बाद, रजा़ अकादमी के संस्थापक मुहम्मद सईद नूरी बरेली शरीफ पहुंचे जहां उन्होंने विभिन्न उलेमा वह मशाएख से मुलाकात की। हिजाब के मुद्दे पर मीडिया से बात करते हुए, उन्होंने राजनीतिक दलों से शिक्षा और धर्म को राजनीति से अलग रखने की अपील की, क्योंकि शैक्षणिक संस्थान, स्कूल और कॉलेज देश के युवाओं के भविष्य को आकार देते हैं। यहां भारत की गंगा-जमनी सभ्यता फलती-फूलती है… हिजाब जैसे विषयों पर राजनीतिक पैंतरेबाज़ी से युवाओं की शैक्षिक गतिविधियाँ प्रभावित होंगी जो देश और राष्ट्र के विकास के रास्ते में बाधक होंगी। एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि अगर आरएसएस की अल्पसंख्यक शाखा ने हिजाब के समर्थन में जो बयान दिया है, वह काफी नहीं है। ऐसा बयान तो आर एस एस मुखिया की ओर से आना चाहिए। आरएसएस द्वारा हिजाब का विरोध करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करनी चाहिए।

वहीं तहरीक-ए-दुरूद व सलाम के मौलाना अब्बास रिजवी ने कहा कि स्कूलों और कॉलेजों को निशाना बनाकर साबित कर रहे हैं कि यह सब सियासी फायदा हासिल करने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें देश और राष्ट्र की शांति और व्यवस्था की चिंता करनी चाहिए, मगर ये लोग देश की शांति और व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश कर रहे। उन्होंने आगे कहा कि रजा़ एकेडमी ऐसे किसी भी असंवैधानिक कृत्यों की निंदा करती है और सरकार से हिजाब की आड़ में नफरत फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का आह्वान करती है।

समाचार अपडेट प्राप्त करने हेतु हमारा व्हाट्सएप्प ग्रूप ज्वाइन करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *