तुर्की में एक इस्लामी रिवाज आज भी ज़िंदा है। जब सर्दियाँ बढ़ जाती है और पहाड़ों पे बर्फ जम जाती है तो ये लोग चोटियों पे पहुंचकर उस वक़्त तक दाना फैलाते रहते हैं जबतक बर्फ़बारी होती रहती है। इसलिए के परिंदे भूख से ना मर जाए।
ये रिवायत ख़लीफा उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ रज़िअल्लाहु तआला अन्हु ने शुरू करवाई थी। उनका ये ऐतिहासिक वक्तव्य आज भी किताबों में मौजूद है “जाकर चोटियों पर दाने फैला दो, कहीं मुसलमानों के मुल्क में परिंदे भूख से ना मर जाए