शिक्षा सिद्धार्थनगर

अमन और शांति का पैगाम देगा जामिया आयशा

इलमुल हुदा रज़वी सिद्धार्थनगर

जामिया आयशा हर्रैया पोस्ट मरवटिया बाजार में एक बेहतरीन स्कूल एक बेहतरीन मदरसा काइम हो रहा है और इसके कायम होने की वजह यह है कि इस इदारे से लोगों तक अमन और शांति मोहब्बत प्यार का पैगाम जाएगा।
इस मदरसे से लोगों को यह बताया जाएगा कि। हमारा हिंदुस्तान कितना खूबसूरत है कितना अजीम है। हिंदुस्तान को आजाद करने में हिन्दुसतान में रहने वाले हर कौम के लोग कितनी मोहब्बत और कितने प्यार के साथ मुल्क को आजाद कराया है। और यह भी बताना है कि मदरसे के जरिए तालिबात को की हमें छोटों और बड़ों का अदब एहतराम करना हमारे लिए फर्ज है।
इंशाल्लाह जामिया आयशा फैजुल उलूम ल्लिबनात हर्रैया से पूरी दुनिया के अंदर एक अच्छा पैगाम अच्छी सोच अच्छी फिक्र अच्छी ज़हनियत जाएगी। जामिया आयशा फैजुल उलूम ल्लिबनात की सोच यह है कि हम पूरे मुल्क के अंदर एक अच्छी तालीम की बिना पर एक अच्छे नॉलेज के बिना पर लोगों को सच और हक की बात बताएं और गरीबों अमीरों में फर्क न करके बल्कि सबकी एक बराबर इज्जत की जाए
ऐ सोच जामिया आयशा इंशाल्लाह आलिमा और तालिबात के जरिए पूरी दुनिया के अंदर पहुंचाएगी। इंशाल्लाह जामिया आयशा का मकसद है कि बच्चे और बच्चियों को तालीम ए मुस्तफा तालिम ए दीन से रोशनाश करें और तालिम ए दीन की बिना पर पूरी दुनिया के अंदर अमन और सुकून का पैगाम दे।
जामिया आयशा का एक बेहतरीन निजाम है और एक अच्छी तालीम के साथ-साथ एक अच्छा रहन-सहन और पर्दे का खास एहतमाम भी है जामिया में तालीम हासिल करने वाले तालिबात अपने इल्म के बिना पर अपने मां-बाप अपने खानदान अपने रिश्तेदार और अपने भाइयों का नाम रोशन करेंगी और लोगों को बताएंगी कि हराम और हलाल क्या है हक और गलत क्या है इंसान को अपने सामने वाले इंसान से किस तरह बात करनी है और नमाज रोजा की पाबंदी का खास एहतमाम इंशाल्लाह जरूर करेंगी और लोगों को दावत भी देंगी।
जामिया आयशा का पैगाम नमाज की पाबंदी का खास एहतमाम है
और सैय्यदा फातिमा ज़हरा रजी़अल्लाहो ताला अन्हा और सैय्यदा अम्मा आयशा रज़ी अल्लाह ताला अन्हा और उम्महातुल मोमिनीन के नक्शे कदम पर चलना है और लोगों को यही पैगाम देना है। और अपनी जिंदगी को शरीयत ए मुस्तफा पर गुजारना है और खुसूसी तौर पर पर्दे का खास एहतमाम करना है और उनकी जिंदगी अपने आप के लिए आईडीअल बनाना है
मौलाना बदरुद्दीन अहमद मिस्बाही रजवी प्रिंसिपल जामिया फातमा बैलगड़ी सिद्धार्थनगर ने कहा कि जामिया एक बेहतरीन तालीम और अच्छा पैगाम और रहने के लिए एक बड़ी बिल्डिंग की शक्ल में बन करके और पूरे मुल्क के अंदर एक अच्छा माहौल बनाएगी। और जामिया आयशा के तमाम मिम्बरान ने यह फैसला लिया कि यहां से अच्छी तालीम हो और यहां से पढ़ने के बाद फारिग होने वाली तालिबा एक अच्छी काबिल आलीमा की शक्ल में बन करके पूरी दुनिया के अंदर अपने हिसाब से मजहब का काम करें। (खुसूसियत के साथ इज्जत मआब मुखैय्यरे कौमों मिल्लत खान वाद ए हुज्जतुल इल्म किबला हांजी अख्तर रजा साहब किबला पर्सिया सिद्धार्थनगर।) मुकीम हाल मस्कत ओमान ने कहां की तालीम मजबूत होनी चाहिए और जहां तक हो सके यहां के पढ़ने वाली तालिबात को खूब-खूब पर्दे का खास एहतमाम कराएं और बहुत सारी बातें आपने बयान की जामिया के हवाले से और उन्होंने कहा हम सब कुछ खर्च करके तालीम को मजबूत करेंगे और जहां तक हो सकेगा इस मदरसे की तालीम के लिए हम भरपूर कोशिश करेंगे और मदरसे की ईट को खूब मजबूत करेंगे और यहां से एक अच्छा पैगाम देने की कोशिश करेंगे। और हमारे एक मिम्बर इज्जत मआब मोहतरम इंजीनियर इसहाक अहमद साहब दिल्ली ने कहा हमें तालीम पर खुसूसी तवज्जो की जरूरत है। और आपने कहा कि अगर तालीम मजबूत है तो पढ़ने वाले तालिबात की जिंदगी बन जाएगी इसलिए तालीम पर खास तवज्जो की जरूरत है।
हमारे तमाम करम फर मा हजर ात ने हम सब को हौसला अफजाई से नवाजा (खुसूसीयत के साथ मोहतरम इज्जत मआब गुलाम हुसैन खान साहब हर्रैया) ने बताया कि इस जामिया के कायम होने से हजारों बच्चियों की जिंदगियां सुधर जाएंगी।
और साथ-साथ इज्जत मआब रियाजुद्दीन भाई ने कहा कि हमारे जीने का मकसद यही है कि हम ऐसा कोई काम करें जिसकी बदौलत आने वाली नस्ल एक कामयाब और बेहतरीन तालीम याफ्ता हो।
और 1 नवंबर 2020 इतवार को इस जामिया में जो प्रोग्राम हुआ उस प्रोग्राम के जरिए लोगों को अमन और शांति का पैगाम दिया गया और यह भी पैगाम दिया गया कि लोगों के साथ किस तरह पेश आना चाहिए। खुसूसी खिताब के लिए मोहतरमा आलिमा फाजिला मोहतरमा जैनब साहिबा बसरी टिकोयीयां सिद्धार्थनगर ने बताइं कि अपने बच्चियों को तालीम ए दीन से रूसनाश कराएं और अपने घर में खास पर्दे का एहतमाम करें और खुद भी पर्दे का खास एहतमाम करें और खुसूसियत के साथ नमाज की पाबंदी करें।
और आलिमा फाजिला साबरीन बसरी ने ख्वातीन ए इस्लाम को एक अच्छा पैगाम दिया कि आप अपनी जिंदगी को दीने मुस्तफा पर गुजारें।
और आलिमा फ़ाजिला मोहतरमा शबाना साहिबा बसरी ने इस्लाम की हकीकत और शौहरों की इज्जत और नमाज की पाबंदी का तरीका बताया और बतायीं कि इस्लाम मोहब्बत और अमन का पैगाम देता है।
उसके इलावा बहुत सारी तालिबात जामिया आयशा के होने वाले पुरगराम में मौजूद थीं जिनमें (मोहतरमा उम्मे सलमा साहिबा हर्रैया) (मोहतरमा तैय्यबा साहिबा हरैया)( मोहतरमा नूरमा साहिबा हर्रैया)( मोहतरमा शाजिया साहिबा हर्रैया) और (मोहतरमा सैय्यदा साहिबा हर्रैया) मौजूद थी और नातो मनकबत के सिलसिले चलते रहे 2 बजे।
जामिया आयशा के प्रबंधक मौलाना बदरुद्दीन अहमद मिस्बाही ने कहा कि यह प्रोग्राम लोगों को यह पैगाम देता है कि लोग आपस में अमन और शांति के साथ रहे और पर्दे का खास है एहतमाम और तालीम ए दीन से आशना रहे।
दुआ है मौला जामिया आयशा के तमाम मिम्बरान को मुसीबतों बुलाओ से महफूज फरमाए ।
दुआ है कि मौला हम सबको खूब तबलिग ए दीन की इशाअत करने की तौफीक अता फरमाए या अल्लाह जामिया आयशा को दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की अता फरमाए।
(पर्थी)
इलमुल हुदा रज़वी छात्र युनिवर्सिटी जामिया अशरफिया मुबारक पूर आजमगढ 8052819052
जन्म भूमि हर्रैया मरवटिया बाज़ार

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